- डूमरा के कनहर नदी से 5 ,ड्योढ़ी से 3 जोरुखाड़ की मालिया से 3 ट्रेक्टरों से रात भर ढ़ोया जा रहा हैं बालू , प्रशासन की भूमिका हास्यपद।
- पिछले 5 दिनों से हो रहा खेल,चोरी का बालू की आपूर्ति दे पकड़ाया जा रहा परमिट।
- जहाँ ग्रामीणों को शौचालय के लिये नही मिल रहा बालू वही खेला जा रहा इतना बड़ा खेल जिससे ग्रामीण है नाराज।
विंढमगंज-सोनभद्र
पप्पू यादव/ जितेंद्र चन्द्रवंशी- सोनप्रभात
रेनुकूट वन प्रभाग के विंढमगंज वन रेंज में रात होते ही गुप चुप तरीके से कनहर व मालिया नदी से रेत का खनन कर चोरी का बालू पिछले एक हप्ते से महुली रेलवे स्टेशन के समीप स्थित बैचिंग प्लांट पर आपूर्ति दी जा रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के साथ यूपी की फेक परमिट पकड़ाई जा रही है।इस खेल में पिछले 5 दिनों से दर्जनों ट्रैक्टर लगे हुए है,ग्रामीणों के मुताबिक डूमरा के कनहर मलिया मोहान से 5 ट्रैक्टर ,ड्योढ़ी वन भूमि ,वन मार्ग कनहर नदी तट से 3 ट्रैक्टर और जोहरुखाड़ बगीचा मालिया नदी से 3 ट्रैक्टर पिछले 5 दिनों से रात्रि 10 बजे से 4 बजे भोर तक चलाये गए और चोरी की बालू की आपूर्ति दिए गए।
पर्यावरण कार्यकर्ताओ ने कहा कि पिछले डेढ़ सालों के दौरान कनहर नदी से रेत चोरी कर रेलवे के कार्य मे लगे विभिन्न पेटी कांट्रेक्टरो व मदर कंपनी को पचीसों करोड़ का बालू यही रेंज से गुजरी कनहर और मलिया नदी से खनन कर आपूर्ति एक ठेकेदार ने दिए हैं और छत्तीसगढ़ और एमपी की परमिट पकड़ाए हैं , जिससे यूपी सरकार को करोड़ो रुपये का चूना एक सिंडिकेट के तहत लगाया गया है। जिसमें कुछ स्थानीय लोगो की मिलीभगत बताई जा रही है|
पर्यावरण कार्यकर्त्ता रमेश ,प्रमोद , जमुना आदि ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ठ कर सिंडिकेट में शामिल लोगों को बेनकाब करने की मांग उठाई है। साथ ही सप्लायर से अवैध चोरी के बालू के एवज में धनउगाही का भी रिकवरी किये जाने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि अगर काम पर रोक नहीं लगा और बालू खेल का पर्दाफाश नहीं हुआ तो ये लोग हायबा और ट्रक में बालू लोडिंग कराकर झारखंड भी रेलवे साइटों पर बालू भेजने की तैयारी में है|
ग्रामीणों का कहना है, कि बालू और परमिट मिलान कर जांच किया जाये।और दोषियों के ऊपर कठोर कार्रवाई किया जाये।हम ग्रामीणों को शौचालय का काम कराने के लिए बालू नही मिल रहा है। वही बालू चोरी का इतना बड़ा खेल खेला जा रहा है। राजस्व की भारी क्षति सरकार को गद्दारों के द्वारा पहुंचाई जा रही , खनन क्षेत्र और पर्यावरण को अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर पल पल की मानिटरिंग करे सरकार , स्पेशल टास्क फोर्स सचल दस्ता गुप्त तरीके से खनन क्षेत्र पर अचानक साइट पर पहुंचे । नदी , पहाड़ , प्राकृतिक सुंदरता को खनन माफिया स्वरूप बिगाड़ने पर आमादा है ,और सरकारी तंत्र फेल जानबूझकर करने पर अमादा है । सरकारी कर्मचारी और सरकार की छवि सुनियोजित तरीके से खराब की जा रही है , जिसमें सत्ता और प्रशासन का माफियाओं से गठजोड़ से इनकार नहीं किया जा सकता । जल्द कड़ी कार्रवाई प्रशासन से किये जाने की मांग की गई है ।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.