सोनभद्र / सोन प्रभात – राजेश पाठक
- प्रत्येक पर साढ़े आठ हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
- साढ़े 13 साल पूर्व यज्ञ स्थल को लेकर हुई मारपीट का मामला।
- अभियुक्तगणों की जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
- अर्थदंड की धनराशि का 75 प्रतिशत रामनगीना चौबे को मिलेगी।
- मामले के विचारण के दौरान सिर में प्राणघातक चोट लगने की वजह से सुमित्रा देवी की हो गई थी मौत।
सोनभद्र। साढ़े 13 वर्ष पूर्व यज्ञ स्थल को लेकर हुई मारपीट के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर एक ही परिवार के 6 दोषियों प्रकाश चन्द्र चौबे,कामेश्वर चौबे,शेषमणि चौबे, योगेंद्र चौबे,प्रमोद कुमार चौबे व प्रदीप चौबे को 5-5 वर्ष की कैद व प्रत्येक पर साढ़े आठ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियुक्तगणों की जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की धनराशि का 75 प्रतिशत रामनगीना चौबे को मिलेगी।
क्या था पूरा मामला?
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी थाना क्षेत्र के धनौरा गांव निवासी प्रह्लाद पांडेय पुत्र रामेश्वर पाण्डेय ने विंढमगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 18 जनवरी 2011 को सुबह 8 बजे उनके रिश्तेदार रामनगीना चौबे पुत्र स्वर्गीय लालता चौबे निवासी पतरिहा, थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र महुली बाजार गए थे। बाजार में सड़क पर प्रकाश चंद्र चौबे से यज्ञ कराने के स्थल को लेकर कहासुनी करने लगे। लोगों के काफी समझाने बुझाने के बाद वे घर चले गए। इसी बात को लेकर सुबह साढ़े आठ बजे गांव के प्रकाश चंद चौबे पुत्र विजय शंकर चौबे, कामेश्वर चौबे पुत्र स्वर्गी लालता चौबे,शेषमणि चौबे व योगेंद्र चौबे पुत्रगण कामेश्वर चौबे, प्रमोद कुमार चौबे व प्रदीप चौबे पुत्रगण कैलाश चौबे निवासी पतरिहा एक रॉय होकर लाठी डंडा लेकर रामनगीना चौबे के घर में घुस आए और उन्हें लाठी डंडे से मारने पीटने लगे तथा मां बहन की भद्दी भद्दी गाली देंने लगे। जब उनका बेटा बुन्देल कुमार चौबे, पत्नी सुमित्रा देवी, बहु किरन देवी और बेटी सुजाता चौबे बचाने गई तो इन लोगों को भी मारा पीटा। इस दौरान रामनगीना चौबे, बुन्देल कुमार चौबे और सुमित्रा देवी को सिर और शरीर में गंभीर चोटें आईं हैं। सुमित्रा देवी के सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से बेहोश होकर गिर गई। सुजाता चौबे और किरन देवी को भी शरीर में चोटें आई हैं। शोरगुल की आवाज सुनकर सच्चिदानंद चौबे, कलामुद्दीन, आनंद कुशवाहा समेत आसपास के तमाम लोग आ गए और बीच बचाव किया। अभियुक्तगण जान मारने की धमकी देते हुए चले गए।लोगों के सहयोग से सभी घायलों को दुद्धी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल से भी डॉक्टर ने गम्भीर हालत को देखते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया।विवेचक ने मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। कोर्ट ने 6 मार्च 2013 को अभियुक्तगण के विरुद्ध आरोप तय किया था। मामले के विचारण के दौरान सिर में प्राणघातक चोटें लगने की वजह से सुमित्रा देवी की मौत हो गई। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध पाकर दोषियों को 5-5 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक पर साढ़े आठ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि का 75 प्रतिशत रामनगीना चौबे को मिलेगी।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.