सोनभद्र : जर्जर सड़क व मनमानी फीस वृद्धि के विरोध में सपाइयों ने किया जोरदार प्रदर्शन, डीएम का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग.

 सोनप्रभात न्यूज़, डाला/ Anil Agrahari / Sonprabhat News 

डाला (सोनभद्र)। नगर में स्थित सेक्टर बी चौराहे से आदित्य बिरला इंटर कॉलेज तक के जर्जर संपर्क मार्ग और हर वर्ष हो रही मनमानी फीस वृद्धि के विरोध में गुरुवार को बाबा साहब अंबेडकर वहिनी के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र पासवान के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग की।


सड़क की हालत बेहद खराब, बच्चों की जान पर बन आती है

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आदित्य बिरला इंटर कॉलेज तक जाने वाला संपर्क मार्ग पूरी तरह जर्जर, उबड़-खाबड़ और झाड़ियों से घिरा हुआ है
छात्र-छात्राएं रोजाना इसी खतरनाक और संकीर्ण रास्ते से होकर स्कूल आने-जाने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में रास्ता और भी जानलेवा हो जाता है, जहां विषैले जंतुओं के काटने का डर बना रहता है।

सपा नगर अध्यक्ष पारसनाथ यादव, नगर महासचिव मदन मोहन पिंटू साहनी, अश्वनी कुमार उर्फ सोनू, रमेश कुशवाहा, सुनील चौधरी, रिशु चंद्रवंशी, अमानत, रजत, राम प्रसाद, बजरंगी और शमशेर अली उर्फ टाटा ने कहा कि

“अल्ट्राटेक सीमेंट यूनिट का दायित्व है कि वह इस मार्ग का निर्माण कराए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”


फीस बढ़ोतरी का विरोध: जब सड़क नहीं तो फीस क्यों?

प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि अल्ट्राटेक प्रबंधन द्वारा यह दर्शाया जाता है कि
आदित्य बिरला इंटर कॉलेज छात्रों से फीस नहीं लेता, केवल विकास शुल्क वसूला जाता है, और स्कूल को अल्ट्राटेक द्वारा सब्सिडी मिलती है।

तो फिर हर साल बच्चों की फीस में वृद्धि क्यों की जाती है?
यह विरोध सिर्फ सड़क के लिए नहीं, शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण के खिलाफ भी है।


प्रदर्शनकारियों की मांगें:

  1. सेक्टर बी से आदित्य बिरला इंटर कॉलेज तक तत्काल नई सड़क का निर्माण कराया जाए।

  2. विद्यालय प्रबंधन को फीस वृद्धि पर लगाम लगाने का निर्देश दिया जाए।

  3. बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए रास्ते की साफ-सफाई और झाड़ियों की कटाई की जाए।

  4. अल्ट्राटेक प्रबंधन द्वारा जनहित में पारदर्शिता से काम किया जाए।


नागेंद्र पासवान का बयान:

बाबा साहब अंबेडकर वहिनी के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र पासवान ने कहा कि

“सड़क और शिक्षा दोनों ही बच्चों का अधिकार है। जब कंपनी अपने उद्योग के संचालन में मुनाफा कमा रही है, तो क्या वह शिक्षा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी मुंह मोड़ लेगी? यह जनभावना का अपमान है। हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं।”

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