दुद्धी – सोनभद्र / जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी (ब्यूरो चीफ) सोन प्रभात
- जुलाई 2021 में लाभार्थी को मृतक दिखाकर वृद्धा पेंशन बंद कर दिया गया।
- सालों परेशान होने के बाद लाभार्थी को जिला से रिपोर्ट मिलने पर पता चला कि उसकी मृत्यु जुलाई 2021 में हो चुकी है।
- पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल के समय में सेक्रेटरी, ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापन में हुई त्रुटि, जांच का विषय।
सोनभद्र जनपद अंतर्गत दुद्धी तहसील के धनखोर गांव विकासखंड बभनी से एक दुर्भाग्य पूर्ण मामला सामने आया है। सरकार से वृद्धा पेंशन के लिए पिछड़ी जाति का आवेदक राधेश्याम उम्र 73 वर्ष पुत्र बचनू निवासी धनखोर बभनी सोनभद्र वृद्धा पेंशन हेतु आवेदन रजिस्ट्रेशन संख्या – 31631044678 वित्तीय वर्ष 2021 -2022 जिसका खाता संख्या 611740100019585 आर्यावर्त बैंक बभनी द्वारा जब सरकार द्वारा प्रदत जनकल्याणकारी योजना “वृद्धा पेंशन ” के लिए जब आवेदन किया था तो उसे उम्मीद थी कि 73 वर्ष की उम्र में वृद्धा पेंशन का लाभ मिलेगा और गुजरते वक्त में बुढ़ापे का एक सहारा पेंशन बनेगा l परन्तु उसे क्या पता था आवेदन करने पर उक्त योजना का लाभ मिलने की बजाय उसे मृत घोषित विभाग द्वारा कर दिया जाएगा l हर कोई इस बात को सुनकर जानकर हैरत में है कि रिपोर्ट लगाने वाला व्यक्ति भी एक दिन सेवानिवृत्त होकर बूढ़ा होगा l
वह बात दीगर है कि शासन द्वारा सेवानिवृत्ति पर उसे पेंशन मिलेगा परंतु एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का पिछड़े वर्ग का व्यक्ति के प्रति कोई संवेदना तो दूर उसे अलबत्ता मृत घोषित सत्यापन जांच रिपोर्ट में करना अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है l जिसे जिलाधिकारी सोनभद्र, उप जिला अधिकारी दुद्धी, तहसीलदार दुद्धी, खंड विकास अधिकारी बभनी संज्ञान ले और संबंधित सेक्रेटरी के खिलाफ कर्तव्यों के प्रतिघोर विलोप करने पर विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आवेदक को उक्त वृद्धा पेंशन योजना का लाभ प्रदान कर कराया जाना सुनिश्चित करें l आखिर सत्यापन में जीवित व्यक्ति को मृत कैसे घोषित कैसे कर दिया या हैरत की बात है l
जब पता चला कि वो मृत घोषित हो चुका है।
लाभार्थी को कुछ सालों तक लाभ मिला फिर अचानक पैसा न आने से वो परेशान हो गया। काफी भाग दौड़ के बाद भी उसे पता नही चला कि आखिर किस कारण उसका वृद्धा पेंशन बंद कर दिया गया। सालों परेशान हुआ लाभार्थी आखिर जिला तक जब दौड़ लगाकर पता कराया तो उसके पैरो तले जमी खिसक गई जब उसे पता चला कि उसे मृत बता दिया गया है। कार्यालय पर जानकारी मिली कि समाज कल्याण विभाग ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, लेखपाल के रिपोर्ट के साथ दतावेज जमा करने पर पुनः लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
जिले में हो सकते हैं अनेकों इस तरह के मामले
सवाल ये रह जाता है कि बीच के दो सालों तक लाभ न मिलना वृद्ध के लिए कैसे न्याय करेगा। जिले में इस तरह के अनेकों मामले हो सकते है, जिसका आप हम अंदाजा तक नही लगा सकते। अशिक्षित, पिछड़ा होने का मतलब सरकारी योजना भी समुचित रूप से लोगो को न मिल पाना, प्रतिनिधियों के रंजिशो को दर्शाता है। मामले पर सोन प्रभात टीम जिलाधिकारी महोदय, उपजिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराती है।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.