July 1, 2025 3:32 PM

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सोनभद्र : तीन सप्ताहीय समर कैंप का हुआ भव्य समापन, बच्चों में दिखा रचनात्मकता और आत्मविश्वास का संचार.

राबर्ट्सगंज (सोनभद्र) संवाददाता – संजय सिंह


सदर ब्लॉक के अंतर्गत स्थित कंपोजिट विद्यालय, रौप में चल रहे तीन सप्ताहीय ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन आज मंगलवार को उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी श्री महेंद्र मौर्य उपस्थित रहे, जिन्होंने समर कैंप की गतिविधियों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिविर का आयोजन

खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि यह समर कैंप राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मूल भावना के अनुरूप छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया। 21 मई से 10 जून तक चले इस शिविर में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को कई विषयों में प्रशिक्षित किया गया।


पहले सप्ताह में योग और डिजिटल कौशल पर फोकस

शिविर के पहले सप्ताह में बच्चों को योग और फिटनेस, सांस्कृतिक विरासत, समाज में सहभागिता और डिजिटल कौशल जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों से जोड़ा गया। बच्चों ने स्मार्ट कक्षा के माध्यम से तकनीकी शिक्षा की बारीकियों को भी जाना।


दूसरे सप्ताह में विज्ञान और पर्यावरण का समन्वय

दूसरे सप्ताह के दौरान पर्यावरण संरक्षण, बागवानी, विज्ञान में प्रगति, और STEM गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया। इस चरण में बच्चों ने न केवल प्रयोगात्मक कार्यों में भाग लिया, बल्कि कक्षा में रचनात्मकता को भी निखारा।


तीसरे सप्ताह में राष्ट्रीय एकता और रंगमंच की झलक

तीसरे और अंतिम सप्ताह में शिविर का माहौल राष्ट्रप्रेम, जल एवं ऊर्जा संरक्षण, संगीत, रंगमंच और नाटक जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों से जीवंत हो उठा। छात्रों ने समूहों में मिलकर प्रस्तुतियाँ दीं और सामाजिक संदेशों को मंचित किया।


अभिभावकों ने की सराहना, बच्चों में दिखा आत्मविश्वास

शिविर के समापन समारोह में उपस्थित अभिभावकों ने विद्यालय के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता को विकसित करने में सहायक हैं।


उत्साह और सम्मान के साथ समापन

इस समापन अवसर पर शिक्षक हृदेश कुमार सिंह, किरण कुमारी, मंजुलता, सहित अनेक शिक्षक, छात्र और अभिभावक उपस्थित रहे। समर कैंप के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि व्यवहारिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी जुड़ी होनी चाहिए।

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