सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – वेदव्यास सिंह मौर्य
- एक लाख 40 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- अपहरण के दोषी रमाशंकर को 7 वर्ष की कैद
- 40 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद
- अर्थदंड की आधी धनराशि 90 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
- साढ़े 12 वर्ष पूर्व अपहरण के साथ 16 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने साढ़े 12 वर्ष पूर्व अपहरण कर नाबालिग बालिका के साथ किए गए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी मनोज कुमार को 20 वर्ष की कैद एवं एक लाख 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अपहरण के दोषी रमाशंकर को 7 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड के8 सजा सुनाई। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि 90 हजार रुपये मिलेगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 9 मार्च 2010 को शाम 7 बजे उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी माचिस लेने निकली, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। उसकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसपर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी। काफी दिनों के बाद पुलिस ने बेटी को चोपन थाना क्षेत्र के पटवध गांव निवासी मनोज कुमार पुत्र रम्मन के पास से बरामद कर लिया। उसके बाद बेटी ने आपबीती सुनाई। तहरीर में अवगत कराया गया है कि जब 9 मार्च 2010 को शाम 7 बजे माचिस लेने निकली थी तभी पटवध गांव निवासी मनोज कुमार व सिंदुरिया गांव निवासी रमाशंकर मिले और उसे चाकू दिखाकर गाड़ी में बैठा लिए और मध्यप्रदेश के भोपाल शहर ले आए। जहां पर बेटी के साथ मनोज कुमार ने जबरन दुष्कर्म किया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मनोज कुमार को 20 वर्ष की कैद एवं एक लाख 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अपहरण के दोषी रमाशंकर को 7 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। जबकि पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि 90 हजार रुपये मिलेगी।अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।

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