December 23, 2024 10:01 AM

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सोनभद्र : 14 वर्ष पूर्व हत्या में शामिल चार दोषियों को उम्रकैद।

सोनभद्र / राजेश पाठक – सोन प्रभात

  • 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
  • साढ़े 14 वर्ष पूर्व हुए भोला हत्याकांड का मामला।

सोनभद्र। साढ़े 14 वर्ष पूर्व हुए भोला हत्याकांड के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों परमेश्वर, राजू, राजन व विंदेश्वरी को उम्रकैद व 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं एक अन्य दोषी गोविंद को 7 वर्ष की कैद व एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई, वहीं अर्थदंड न देने पर 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।


अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थानांतर्गत ऊंची खुर्द गांव निवासी श्रीराम पुत्र भोला ने 12 सितंबर 2008 को पन्नूगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 11 सितंबर 2008 को उसके पिता भैंस के लिए चतरा से जौ का दरुआ पीसा कर घर वापस आ रहे थे कि नहर के पास वह अपने बहनोई के साथ मिल गया। शाम करीब 8 बजे जैसे ही तीनों लोग नहर से घर की तरफ मुड़े तभी पहले से घात लगाकर कुल्हाड़ी लेकर बैठे गांव के परमेश्वर पुत्र भोला, राजू पुत्र रामसखी, राजन पुत्र केदार व विंदेश्वरी पुत्र बैजू मिले और ललकारते हुए कहा कि मारो साले को कहते हुए पिताजी को मारने लगे जिससे पितजी गिर पड़े। इतने में अभियुक्तगणों ने कहा कि सभी लोगों को मारो । जिसके डर से भागकर किसी तरह जान बचाई। उधर ये लोग पिताजी को मारकर शव को धधरौल बंधे की ओर ले जाने लगे। रात्रि होने की वजह से दूसरे दिन राबर्ट्सगंज कोतवाली में सूचना दिया। इस तहरीर पर एफ आई आर दर्ज किया गया। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में अभियुक्तगणों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों परमेश्वर, राजू, राजन व विंदेश्वरी को उम्रकैद व 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं एक अन्य दोषी गोविंद को दोषसिद्ध पाकर 7 वर्ष की कैद व एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 15 दिन की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद पाठक ने बहस की।

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