हस्ताक्षर अभियान चलाने का मीटिंग में लिया गया निर्णय
राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन
म्योरपुर/पंकज सिंह
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आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र में शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। आजीविका का भी गंभीर संकट है। युवा मंच की आज रासपहरी में हुई जिलास्तरीय मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की गारंटी व रोजगार के सवाल को हल करने की मांग सरकार से की गई। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर करा कर उन्हें प्रेषित करने का मीटिंग में निर्णय लिया गया। प्रमुख तौर पर जनपद में आदिवासियों समेत गरीब वर्ग की छात्राओं के लिए कम से कम दो सरकारी महिला महाविद्यालय(आवासीय) खोलने, हर ब्लॉक में कम से कम एक-एक आश्रम पद्धति व कस्तूरबा गांधी विद्यालय खोलने, कंप्यूटर प्रशिक्षण कोर्स, फार्मेसी व नर्सिंग कालेज, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों को पूरी क्षमता से संचालित किया जाये, चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाये और प्रमुख जांच व दवा आदि सुविधाएं सुनिश्चित करने, पोखरा स्थित राजकीय महाविद्यालय का तत्काल संचालन शुरू करने, सरकारी स्कूलों व महाविद्यालय में रिक्त पदों को तत्काल भरने, रोजगार सृजन खासतौर पर कृषि आधारित उद्योगों का सहकारी समितियों के माध्यम से विकास करने और औद्योगिक परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को रोजगार में वरीयता देने जैसे सवालों को हल करने की मांग की गई है। मीटिंग में मौजूद युवा मंच प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने कहा कि सरकार की उपेक्षा की वजह से जनपद में शिक्षा व स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं का अभाव प्रमुख वजह है। उच्च शिक्षा की समुचित व्यवस्था न होने और निजी संस्थानों में मंहगी शिक्षा की वजह से आदिवासी और गरीब छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित हैं।
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लेकिन सरकार को इससे लेना देना नहीं है। सरकारी अस्पताल दुर्दशा का शिकार हैं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महज रेफरल अस्पताल बन कर रह गए हैं। अस्पतालों में जो जांच की सुविधाएं हैं भी उन्हें संचालित करने के लिए चिकित्सक व टेक्नीशियन न होने से ठप्प हैं। कहा कि सोनभद्र आकांक्षी जिले में शामिल है बावजूद इसके शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग में तकरीबन आधे पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिले की 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी महिला एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। म्योरपुर अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के स्थानांतरण के बाद नयी नियुक्ति अभी तक नहीं हुई। युवा मंच जिला अध्यक्ष रूबी सिंह गोंड़, दुद्धी संयोजक हरिनाथ खरवार व अध्यक्ष आलोक गोंड़ ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने की जवाबदेही सरकार की है। इसलिए तय किया गया है कि शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के सवाल को हल करने की मांग राष्ट्रपति से की जायेगी। इसके लिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पर हजारों हस्ताक्षर कराकर जल्द भेजा जाएगा। युवा मंच पदाधिकारियों ने कहा कि जनपद प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, प्रदेश व केंद्र सरकार के राजस्व में भी भारी योगदान है लेकिन यहां के विकास के लिए और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करना सरकार का ऐजेंडा नहीं है। युवा मंच पिपरी संयोजक पीयूष दुबे व रेनूकूट संयोजक विनोद कुमार शर्मा ने रेनूकूट-पिपरी में 100 बेड का अस्पताल और राजकीय महाविद्यालय खोलने का मुद्दा उठाया। इस मौके पर युवा मंच जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड़, दुद्धी संयोजक हरिनाथ खरवार व अध्यक्ष आलोक गोंड़, पिपरी संयोजक पीयूष दुबे व रेनूकूट संयोजक विनोद कुमार शर्मा, बृजेश पटेल, अनीता सिंह, अंजू, सुगवंती, बिंदु, निशा सिंह, ज्ञान दास, अजय भारती, सपना, प्रशांत दुबे, दीपक कुमार गुप्ता समेत बड़े पैमाने पर छात्र व छात्राएं शामिल रहे।
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