July 22, 2025 6:31 AM

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सड़क निर्माण की दुर्व्यवस्था को देखते हुए स्थानीय लोग सड़क पर उतरे, किया प्रदर्शन।

डाला- सोनभद्र 

संवाददाता – अनिल कुमार अग्रहरि – सोनप्रभात

डाला । विकास खण्ड चोपन में कोटा ग्राम पंचायत के टोला पतगड़ी में जिला पंचायत द्वारा रोड का निर्माण कराया जा रहा है। जिस समस्या को लेकर इसका टेंडर कराया गया था, कि लोगों को अच्छी सड़क बनेगी और लोगों का जीवन आसान होगा । लेकिन उसके उलट सड़क और कार्य लगाने के पहले ही ठेकेदार जुगाड़ में लग गए ।

उसी का नतीजा है कि आज सड़क निर्माण की दुर्व्यवस्था को देखते हुए स्थानीय लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया । स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल के साथ वन विभाग से पत्थर को लाकर लगाया जा रहा है ।

आक्रोशित दर्जनों ग्रामीणों ने जिलापंचायत के द्वारा बन रहे रोड निर्माण के अधिकारियों को स्थल पर बुलाने व जांच के लिए की मांग की है आपको बतादें कि जिला पंचायत से पतगड़ी टोला में 700मीटर का एक रोड जो गोविंद के घर से सुरेश के घर तक बनाना है । जहाँ ठीकेदार द्वारा घटिया मटेरियल इस्तेमाल करने से स्थानीय ग्रामीणों ने इस रोड निर्माण को रोकने के पुरजोर विरोध करते हुए इसकी जांच करने की मांग की।

ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग कर्मचारियों के मिलीभगत से इस रोड निर्माण में ररिहवां टोला के झंडी नाले से मिट्टीदार कत्तल की निकासी एवं नेटियांडांड नाले से मोरंग, खनन करवा कर इस्तेमाल किया जा रहा हैं।रोड निर्माण कार्य के ठीकेदार द्वारा साइड कि देखरेख कर रहा मुंसी ने बताया कि लगभग 80-90टाली यह कत्तल जंगलों से आ चुका हैं। जिन्हें लगभग 200 मीटर में बिछाया जा चुका है।सूत्रों की माने तो इस समय वनकर्मी के मिलीभगत के कारण इस क्षेत्र में वन विभाग के सम्पत्ति को बे-हिचक बेचा जा रहा हैं और कई जगह जंगल को भी उजाड़ दिया गया हैं। जिसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी डाला रेंज को दी भी जा चुकी है ।

जहाँ एक तरफ सरकार वृक्षारोपण पर करोड़ों खर्चा करती हैं वही इस क्षेत्र के कुछ वनकर्मी इस तरह से ग्रामीणों व ठीकेदारो से मोटी रकम लेकर बिना डर भय बेचने का कार्य बिना डर भय के कर रहे हैं । पर्दशन करने वालो में नेहरुलाल, सन्तकुमार संजय गुप्ता, राजबली एवं वार्ड सदस्य भागवत सिंह मौजूद रहे।इस सन्दर्भ में जिलापंचायत के जेई विनोद वर्मा ने रोड निमार्ण में लग रहे पत्थर के सापेक्ष में पूछा गया तो वह कल जाकर देखने की बात कही।जबकि ओबरा वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी प्रखर मिश्रा ने बताया कि इसे जल्द से जल्द दिखा कर उचित कार्यवाही की जाएगी ।बहरहाल भले ही काम ठेकेदार को मिल गया हो लेकिन प्रभारी व साइड इंचार्ज विभाग का अधिकारी ही होता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर हर बार समस्या ग्रामीणों या फिर मीडिया के माध्यम से ही सामने आ पाता है, आखिर अधिकारियों की नजर इन कमियों पर क्यों नहीं जाती ।

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