डाला वन रेंज में पकड़ा गया तस्करी के लिए रखी लकड़ी का जखीरा।
डाला-सोनभद्र
संवाददाता अनिल कुमार अग्रहरि- सोनप्रभात
डाला ।क्षेत्र में वनों की अवैध कटाई के मामले नये नहीं है, लेकिन इन दिनों लकड़ी माफिया ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है। बारिश के मौसम में अधिकारी और अन्य लोग कम निरीक्षण कर पाते हैं इसका फायदा उठाकर वन माफिया खुलेआम वनों में अवैध कटाई करने में जुटे है।
सरकार प्रतिवर्ष वनों की रक्षा एवं उसकी वृद्धि के लिए करोड़ों रुपए वन विभाग को देती है, ताकि प्रदेश में वनों का विकास हो सके। साथ ही वनों की सुरक्षा हेतु वन चौकी, जांच चौकी, वाॅच टाॅवर एवं वनों में आवागमन के लिए मार्ग निर्माण पर यह राशि खर्च की जाना चाहिए, लेकिन संबंधित अधिकारी सरकार से प्राप्त इस राशि का उपयोग वन विकास के नाम पर स्वयं विकास कर खर्च करते रहते हैं।ओबरा वन प्रभाग के डाला रेंज में गुरमुरा बिट के अंतर्गत अबाड़ी मार्ग पर वन रक्षक व वाचर की मिकी भगत से तस्करी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। जहां देखा जाय तो महीनों से लकड़ी कटान की चर्चा सरे आम है वर्तमान में भारी मात्रा में साखू की कटान व बेशकीमती लकड़ी की कटान जोरों पर है।गुरमुरा बिट में अभी कुछ दिन पहले अबाडी से सटे जंगलों में तस्करी व बड़े पैमाने पर हो रही कटान की सूचना पर वन विभाग परेशान दिखा वहीं पूरे दिन काम्बिंग भी की गई पर प्रभारी वन रेंजर को उनके ही विभाग के द्वारा ही चकमा देकर इधर उधर घुमा दिया गया । लेकिन आखिरकार चोरी कहाँ रुकती है । ग्रामीणों ने अबाड़ी में कनहर नदी के किनारे मौजूद होकर देखा की लकड़ी का जखीरा बहते हुए पानी मे जा रहा है , वहाँ पर मौके पर उपस्थित वन कर्मी को बताया भी लेकिन मामला टालते हुए बताने वाले को डांट दबेर कर बातो में भुलवा दिया और जाने का प्रयास तक नही किया गया। सम्बन्धित बिट के वन पालों की मिली भगत से वन भूमि से हरे भरे वृक्ष काटकर इसके बाद भी वन विभाग द्वारा क्षेत्रो में हो रहे अतिक्रमण, अवैध कटाई पर कार्रवाई न करना कई संदेहों को जन्म देती है।
रेंजर अनिल सिंह ने बताया कि तस्करी की सूचना मिलते ही तुरंत छापेमारी की जाती है। किसी कीमत पर लकड़ियों की तस्करी नहीं होने दी जाएगी।