नही रहे प्रणब दा: भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का क्लर्क, शिक्षक, पत्रकार से होते हुए राष्ट्रपति बनने तक का सफर ।

एस0 के0 गुप्त ” प्रखर ” – सोनप्रभात
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। आज उनका निधन हो गया। 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया था और फेफड़े में संक्रमण का इलाज हो रहा था। प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी।
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास से उनके हृदय को आघात पहुंचा है। उनका देहावसान एक युग का अंत है। प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वे बेहतरीन स्कॉलर थे, राजनीतिक समुदाय में हर कोई करता था उनका सम्मान करता था। पीएम मोदी ने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर बहुत दुख हुआ। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उत्कृष्टता से एक विद्वान, एक राजनेता, वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम भर में और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसा की गई थी।
आपको बताते चले कि मस्तिष्क में खून का थक्का बन जाने के कारण उन्हें 10 अगस्त को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया था। सर्जरी से पहले उनकी कोरोना जांच भी कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क से खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की थी। फिर भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के अचानक चले से पूरे देश में शोक की लहर फैल गयी है। नेताओं से लेकर आम जनता तक उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है।