पिंडारी के मनरहवा गांव में सपा सरकार के शासनकाल में बनाया गया पुल, चार वर्षों से टूटा , नही दे रहे जिम्मेदार ध्यान।

उमेश कुमार / आशीष गुप्ता , सोनप्रभात –
म्योरपुर- सोनभद्र –
म्योरपुर। ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिंडारी में एक अजब गजब का मामला सामने आया है जहाँ सरकार के धन से बना पुलिया पहली ही बरसात में टूटकर पानी मे बह गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार पिंडारी में बिच्छी नदी के बीच मे आवागमन को सुचारू रूप से चालू करने हेतु सरकार द्वारा बजट देकर अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके शासनकाल में मार्ग व पुल का निर्माण किया गया । जहाँ स्थानीय ठेकेदारों व कर्मचारियों की मिलीभगत से बनाये जा रहे पुलिया निर्माण में जमकर घोटाला किया गया। और सामग्री के नाम पर भारी अनियमितता बरती गई जिसके कारण निर्माण के दो साल भी पुलिया नही टिक पाया और बरसात के पानी मे बह गया।
जिससे पूरे निर्माण कार्य मे गांव के नदी पर बना पुल भ्रष्टाचार के भेट चढ़ गया। बरसात में पानी की तेज धार बहा ले गया, जिसमे पुल के निर्माण में ठेकेदारों की मिलीभगत से मानक विहीन सामग्री से पुल के निर्माण का कार्य कराकर अखिलेश सरकार के राज्य में लिपापोती कर दिया गया था।आपको बता दें कि पिंडारी के मनरहवा गांव से जुड़ा मार्ग बिच्छी नदी के पास बनाया गया पुल चार वर्षों पहले टूट गया जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन कर नारेबाजी किया गया।4 वर्षों से इंतजार करते करते गुस्सा फुट पड़ा, जिसके बाद ग्रामीणो ने प्रदर्शन कर 10000 की आबादी वाले गांव को सम्पर्क मार्ग टूटने से आवागमन बन्द हो गया। जिसे लेकर ग्रामीणो ने शीघ्रता से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए टूटे हुए पुल को बनाए जाने की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने किया है।
आपको बता दें कि इस पुल के टूटने से नजदीकी पावर प्लांट एनटीपीसी से मजदूरी कर रात में लौटने पर पुल टूटने के चलते लोग अपना जान जोखिम में डालकर रात के अंधेरे तक मे पानी से पार होने को मजबूर लाचार और बेबस है जिसे लेकर ग्रामीणों का दर्द छलक पड़ा। ग्रामीणो ने आसपास के सभी लोगो के सहयोग से पुल में पानी की गहराई के बीच बॉस बल्ली के सहारे जोखिम भरा पुल आवागमन के लिए बनाया गया है , लेकिन इससे आवागमन कर रहे लोगो को कभी भी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।वही स्थानीय ग्रामीण सोनू कुमार ने बताया कि टूटे हुए पुल के उस पार के लोगो मे अगर किसी की तबियत खराब हो जाती है तो एम्बुलेंस तो आना दूर पैदल भी इलाज कराने जाने में जोखिम उठाने पड़ते हैं और मुश्किल समय मे पानी से ही पार होकर जाना पड़ता है।विरोध करने वाले स्थानीय ग्रामीणों मे मुख्य रूप से पिंडारी के मनरहवा निवासी ध्यानचंद, सोनू यादव, मानमती, सहित सैकड़ों की संख्या में पीड़ित ग्रामीण व महिलाएं मौजूद होकर प्रदर्शन कर पुल को बनाये जाने की मांग किए हैं।