साधन सहकारी समिति नौडिहां–: खुलनें लगी परत दरपरत ऋण मोचन,धान खरीद,खाद,कर्ज वसूली घोटाले की फाइल।

सोनभद्र– सोनप्रभात
वेदव्यास सिंह मौर्य
- सचिव के द्वारा अपने घर के लोगों को बगैर कर्ज कराया गया ऋण माफी।
- सचिव के द्वारा अपने दादी हल्कानी देवी पत्नी सुक्खन बगैर कर्ज 75000 रू० का लाभ
- सचिव के द्वारा अपने पिता राजनारायण पुत्र सुक्खन को बगैर कर्ज 78642.75 रू० का ऋण मोचन, कर्ज एक रुपये नहीं।
- सचिव के द्वारा अपने दुसरे नम्बर के चाचा श्याम नारायण पुत्र सुक्खन के नाम बगैर कर्ज के 75000रू० का ऋण मोचन।
- सचिव के तिसरे नम्बर के चाचा जो तीसरी बार प्रधान हैं को बगैर कर्ज के एक बार 16788रू०, दुसरी बार 86788रू० का तीसरी बार फिर 86788रु0 का ऋण मोचन किया गया।
सोनभद्र जिले के अंतिम छोर पर विकास खण्ड नगवां की साधन सहकारी समिति नौडिहां है।जिसका कार्यालय मांची में है।सचिव आशुतोष कुमार भी मांची का ही रहने वाला है। लगभग 1200000रू० खाद घोटाले का धन सचिव के द्वारा नहीं जमा किया गया ।सचिव के द्वारा धान खरीद का 590कुन्तल धान एफसीआई गोदाम तक पहुंचा ही नहीं।किसानों से फर्जी रसीद से कर्ज वसूली करके बैंक में नहीं जमा किया गया।
उदाहरण के लिए बतादें कि लालदास पुत्र जोखू निवासी कोदई ने 50000रू० का कर्ज लिया था जिसे 13/5/2016/ को रसीद संख्या 6481/2 पर 57596रू० रुपए दिया गया। सचिव के द्वारा रसीद के उपर वाले पन्ने पर 57596रू० लिखा गया है, और नीचे के पन्ने पर 53630रू० दिखाया गया है।इसी ऋण के लिए 10000रू०नगद लिया गया है, जिसकी इन्ट्री सचिव के राईटिंग मे पासबुक पर चढ़या गया है लेकिन बैंक में नहीं है।इसी ऋण के लिए 67906रू० रुपए का धान लिया गया,जिसकी इन्ट्री न तो खाते में है न ही ऋण मे किया गया है।
पुनः इसी ऋण पर ऋण मोचन के तहत सरकार के द्वारा 53600रु.आया, वह भी एवं फसल बीमा भी हजम कर लिया गया। सबसे मजेदार बात यह है कि दिनांक 15/7/2020 को सहायक आयुक्त सहायक निबंधक कोआपरेटिव ने अपर जिला सहकारी अधिकारी को पत्र लिखा गया था कि आशुतोष कुमार नान कैडर सचिव से तत्काल चार्ज छिनकर कैडर सचिव अमित कुमार सिंह को दे दिया जाए लेकिन अपर जिला सहकारी अधिकारी मौके पर तो गए लेकिन बगैर कार्यवाही लौट आए। अपर जिला सहकारी अधिकारी के द्वारा पुनः 40000रू० की खाद लूटने के लिए सचिव को दे दिया गया।इस पूरे प्रकरण अपर आयुक्त सहकारिता टी.एन.सिंह मुख्य साजिश रचने वाले अपर जिला सहकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद हैं।क्योंकि पहले नगवां मे एडीओ कोआपरेटिव थे।इसके बाद रावर्ट्सगंज गए, रावर्ट्सगंज से दुद्धी, दुद्धी से भदोही फिर रावर्ट्सगंज आ गए। रावर्ट्सगंज से प्रमोशन हुआ और चंदौली चले गए।वहां से एक वर्ष के अंदर स्थानांतरण कराकर रावर्ट्सगंज चले आए।तब से यहां पर डटे हुए हैं।
लगभग 40 लाख से उपर के घोटाले के बावजूद सचिव के उपर कोई कार्रवाई न करना सीधे सीधे मिली भगत को दर्शाता है। इस प्रकरण मे ब्लाक से लेकर जिले तक तैनात सहकारिता विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की जांच होनी चाहिए।दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो ताकि भविष्य में इस ढंग की पुनरावृत्ति न हो।अभी हाल ही में दुद्धी मे 2007 मे तैनात दो सीजनल अमिनों को मात्र तीन माह के बिलम्ब पर 22000रु पांच किसानों का था जिस पर एआर टी.एन.सिंह की रिपोर्ट पर सेवा समाप्त कर दी गई।लेकिन दो तीन वर्षों से समिति का लगभग 4000000 रु.सचिव द्वारा नहीं जमा करने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई सीधे सीधे भ्रष्टाचार की जद में आता है।इस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।