सिंगरौली -: आवश्यकता है जिला चिकित्सालय को इलाज की।
व्यंग्य लेख – सुरेश गुप्त “ग्वालियरी” –
विंध्यनगर / सिंगरौली – सोनप्रभात
बहुत उम्मीदें थी इस नये जिला चिकित्सालय से,यह ट्रामा सेंटर के नये रूप में स्थान बदल कर अवतरित हुआ था चकाचक बिल्डिंग!! अनुभवी चिकित्सक ,बस मात्र एक समुचित इलाज का दरकार ,वही रहवासियोँ को बहुत बडी आशा की किरण नजर आ रही थी। अब जरूरत मन्द इस नये चिकित्सा केन्द्र से अपने जीवन को सुरक्षित बना पायेगें ,परन्तु अस्पताल प्रशासन द्वारा सुव्यवस्थित रूप से अव्यवस्था से लोग मरमाहत है।
जीवन उपयोगी दवाईयों का अभाव , प्रसूती महिलाओँ पर अनावश्यक दबाब , सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी, न सेनेटाईजर न डिस्टेंस, ओक्सिजन की भारी कमी साथ ही लापरवाही, साफ़ सफाई नदारद, एक प्रत्यक्ष दर्शी ने बताया पाईप लाईन से जाने वाली ओक्सिजन को कई घन्टे तक बन्द रखा गया, एक भुक्त भोगी ने बताया कि तीन महीने से डायबीटीज दवा देने से आना कानी की जा रही थी ,मैने परेशान होकर C M हैल्प लाईन में शिकायत की ,ततपश्चात मुझे बुलाकर वह दवा दी गई।
यह जनपद सिंगरौली का एक मात्र अस्पताल है, जो माननीय जन प्रतिनिधियो तथा शासन के जन कल्याण योजना के अनुरूप यहाँ की जनता को बहुत बड़ी सौगात है, परन्तु कुछ लोगों की लापरवाही के कारण यह दुर्व्यवस्था इस बडी सौगात को दाग लगा रहे है। माननीय कलेक्टर सिंगरौली ने फटकार के साथ दिशा निर्देश प्रदान किये है, शायद व्यवस्था सुधर जाए।