जिला पंचायत का टेण्डर निरस्त करने की मांग।
- जिलाधिकारी महोदय से टेण्डर की जाँच कराने की माँग।
- मध्यमवर्गीय ठेकेदारो की स्थिति ज्यादा खराब।
दुद्धी – सोनभद्र
जितेंद्र चन्द्रवंशी – सोनप्रभात
(दुद्धी)सोनभद्र – एक तरफ देश कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है ,इस स्थिति में सोनभद्र जिले के मध्यमवर्गीय परिवार के लोग किस तरह गुजर रहे हैं ,यह तो वही बता सकते है ,उनको समझने वाला कोई नहीं है । उच्चवर्गीय परिवार तो अपने कार्यों में व्यस्त हैं ,और मजदूर वर्ग के लोग या गरीब वर्ग के लोग किसी तरह कोई काम भी करके अपने परिवार का गुजारा कर ले रहे है लेकिन मध्यमवर्गीय परिवार किस प्रकार जी रहा है यह तो उन्ही की जुबानी सुनी जा सकती हैं और महसूस की जा सकती हैं।
जिला पंचायत सोनभद्र के द्वारा कई कार्य निकाले गए थे जिससे ठेकेदारों में खुशी थी ,लगभग 150 ठेकेदार के फर्म जिला पंचायत सोनभद्र में पंजीकृत है । उन सभी लोगो को उम्मीद थी कि दो दो तीन तीन काम मिल जाएंगे लेकिन टेण्डर प्रक्रिया हो जाने के कारण कुछ बड़े ठेकेदारों ने इस टेण्डर प्रक्रिया को अकाउंटेंट और लिपिक की मदद से हाइजैक कर लिया और छोटे ठेकेदारों की जानकारी को बड़े ठेकेदारो से शेयर कर उनकी टेण्डर प्रक्रिया की गोपनीयता को भंग करते चले गए जिससे बड़े ठेकेदारों ने इसका फायदा उठाते चले गए ।छोटे ठेकेदारों ने अपने अपने क्षेत्रों में होने वाले कामो के प्रति अपने हिसाब से बिलो डाले इसकी जानकारी अकाउंटेंट व लिपिक को देते भी गए जिस पर बड़े ठेकेदार जानकारी ले कर और बिलो डालते चले गए जिससे छोटे ठेकेदारो को कोई काम नहीं मिला।
भाजपा नेता सुरेन्द्र अग्रहरि ने जिला पंचायत सोनभद्र में होने वाले टेण्डर प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए अकाउंटेंट व लिपिक की भूमिका की जाँच कराये जाने की मांग जिलाधिकारी महोदय से की है।
विंढमगंज जिला पंचायत सदस्य जगदीश यादव ने बताया कि दुद्धी, विंढमगंज, म्योरपुर, बभनी, रेनुकूट , अनपरा, कोन, डाला व अन्य क्षेत्रों के ठेकेदारो के डोंगल जमा करा लिए गए और बड़े ठेकेदारों के डोंगल नही जमा कराए गए जिससे वे अपने हिसाब से टेन्डर डाल दिये और हमलोगों को टेण्डर डालने के लिए अवसर भी नहीं मिला और हमारे क्षेत्र में होने वाले कार्य भी हमलोगों को नहीं मिल पाए ।उन्होंने बताया कि दुद्धी क्षेत्र में केवल दस कार्य प्रस्तावित था उसमें से एक भी कार्य इधर के ठेकेदारो को नही मिल पाया ।
जिला पंचायत सदस्य की अहमियत कुछ नहीं है क्या?
जिला पंचायत सोनभद्र में पंजीकृत ठेकेदारो ने बताया कि जिला पंचायत के एकाउंटेंट व लिपिक की मिलीभगत से हमलोगों की बिलो रेट को बड़े ठेकेदारो से साझा कर उससे अधिक बिलो डलवा दिया गया जिससे हमलोगों को कार्य नही मिल पाया।ऐसे एकाउंटेंट व लिपिक की भूमिका की जाँच जिलाधिकारी महोदय करे और उनको बर्खास्त कर पूरी टेण्डर प्रक्रिया को निरस्त कर पुनः कराया जाए।