भ्रष्टाचार – कनहर विस्थापितों से करोड़ों रुपए की लेखपाल द्वारा अवैध वसूली का मामला तहसील दिवस में पहुंचा।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
- 5 हजार से ₹1लाख तक तक की खुलेआम लूट।
दुद्धी सोनभद्र उत्तर प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कनहर परियोजना विस्थापन पैकेज प्रदान कराए जाने के नाम पर करोड़ों रुपए धन उगाही का मामला रसूखदार लेखपाल ग्राम भिसूर अमवार कनहर परियोजना पंकज कुमार चौबे के खिलाफ संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचा l बीडीसी सदस्य सहित स्थानीय विस्थापित खुली बैठक में उक्त आरोपित लेखपाल के खिलाफ क्रमवार पैसा का विवरण सहित शिकायती प्रार्थना पत्र संपूर्ण समाधान दिवस में अपर जिला अधिकारी सहदेव कुमार मिश्रा,उप जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा, तहसीलदार दुद्धी बृजेश कुमार वर्मा, आदि की उपस्थिति में पहुंचा l ज्ञात कराना है कि विस्थापन पैकेज अवैध वसूली मामले में अभी गत दिनों एक लेखपाल को निलंबित₹50 हजार की मांग संबंधित मामले में ऑडियो की पुष्टि तहसीलदार द्वारा किए जाने पर किया गया था l जिससे सुधार की उम्मीद जनमानस में की जा रही थी l परंतु रुपए की रसिकता व्यक्ति के नौकरी पर इन दिनों भारी पड़ता दिख रहा है l जिसके कारण लगभग 20 लाख रुपए की वसूली प्रत्यक्ष एवं करोड़ों रुपए अप्रत्यक्ष रूप से वसूली का सूत्रों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है l लगभग 80% विस्थापितों से यह रकम वसूल करने का आरोप लगाया जा रहा।
राजस्व कर्मी की काली करतूतों के कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के सहज सरल स्वभाव के लोगों का जीना मुहाल आर्थिक शोषण के कारण हो गया है। स्वर्गीय कौलेश्वर पुत्र चरकू की धर्मपत्नी जो कि विस्थापित पैकेज पाने की हकदार है को राजस्व कर्मी द्वारा पत्नी माननें से ही इनकार किया जा रहा है , जबकि ग्राम प्रधान से लेकर स्थानीय ग्रामीण बता रहे हैं कि कोलेश्वर की एक ही पत्नी है। शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार पर उक्त सत्ता में रसूख रखने के नाम पर लेखपाल द्वारा अवैध वसूली की जांच निष्पक्ष कराए जाने की मांग कर तत्काल बर्खास्त करने की गुहार शिकायती प्रार्थना पत्र में फरियादियों ने लगाया है। अवैध वसूली का वीडियो भी सूत्रों की मानें तो फरियादियों के पास हैं lआखिर इतने लंबे समय से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली किसके सह पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा की जा रही थी यह एक गंभीर उच्च स्तरीय जांच का विषय है जिसे माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं जिलाधिकारी महोदय को गंभीरता पूर्वक जनहित में संज्ञान लेना होगा।