
डॉ राजेंद्र प्रसाद पुस्तकालय भवन में कुटुंब प्रबोधन पर वक्ताओं ने रखें विचार, भारत में वसुधैव कुटुंबकम को आत्मसात करने पर दिया गया जोर।
दुद्धी – सोनभद्र
जितेंद्र चन्द्रवंशी – सोनप्रभात
दुद्धी सोनभद्र मुंसिफ कोर्ट परिसर के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पुस्तकालय भवन में नवजीवन समिति के तत्वाधान में कुटुंब प्रबोधन पर वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की रही है , जो पाश्चात्य संस्कृति के कारण संयुक्त परिवार भौतिकवादी जीवन शैली की अंधी दौड़ में टूट रही है , जो परिवार संस्कार ,संयुक्त परिवार द्वारा चारित्रिक उत्थान, परिवार से मोहल्ला गांव शहर देश का उद्गम का स्रोत संयुक्त परिवार सदा रहा है। परंतु बदलते परिवेश में मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजी आदि के आधुनिकीकरण के कारण सनातन परंपरागत संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जिससे भारत के कुटुंब जो राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे , जिस की उपयोगिता बदलते परिवेश में मॉडल युग के कारण कम हुई है।
सिविल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नंदलाल अग्रहरी ,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि, दुद्धी को जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा के महासचिव प्रभु सिंह कुशवाहा एडवोकेट ,प्रेमचंद यादव एडवोकेट, शिव शंकर प्रसाद एडवोकेट, अमरनाथ स्वयं सेवक, आदि वक्ताओं के द्वारा कुटुंब प्रबोधन पर अपने अंदर के आचरण व्यवहार का प्रतिकूल प्रभाव परिवार कुटुंब पर पड़ने, झूठ बोलने पर अंकुश लगाने, पड़ोसी द्वारा अच्छे विचारों को आत्मसात करने, सुख दुःख में सहयोग की भावना प्रबल करने, परिवार के साथ हफ्ते में एक बार भोजन करने पर दिया जाए बल, आदि महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का एहसास प्रबुद्ध को लोगों ने साझा किया और संकल्प लिया गया कि हम सुधरेंगे तो निश्चित रूप से युग सुधरेगा हम बदलेंगे तो युग में भी बदलाव होंगे।
कुटुंब- संस्कार, आचरण ,व्यवहार’ अनुशासनात्मक ,आदर प्रेम, रिश्तो की मर्यादा का पालन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीरतापूर्वक प्रकाश डाला गया और भागदौड़ की जिंदगी में इस तरीके के आयोजन की मुक्त कंठ से प्रशंसा लोगों ने किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर अमरनाथ जयसवाल अध्यक्ष, आनंद कुमार गुप्ता एडवोकेट, राकेश कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट, जवाहरलाल अग्रहरि एडवोकेट, अंजनी सिंह कन्हैया लाल अग्रहरी एडवोकेट आदि लोग मौके पर मौजूद रहे संचालन महासचिव अभय सिंह के द्वारा किया गया।