कुटुंब प्रबोधन में रामचरितमानस के चरित्र चित्रण का हुआ बखान।
- 👉 ” रघुकुल रीत ” कुटुंब का सच्चा आदर्श और प्रेरणा का स्रोत — जयन्त प्रसाद प्रधानाचार्य(रा0च0इ0का0) / बौद्धिक प्रमुख।
दुद्धी – सोनभद्र
जितेंद्र चन्द्रवंशी / आशीष गुप्ता- सोनप्रभात
दुद्धी सोनभद्र डॉ राजेंद्र प्रसाद पुस्तकालय भवन में कुटुंब प्रबोधन विषय पर चर्चा के दौरान मुख्य वक्ता राजा चन्डोल इंटर कॉलेज लिलासी के प्रधानाचार्य/ बौद्धिक प्रमुख जयंत प्रसाद ने अपने उदबोधन में रघु के रामचरितमानस के मर्यादा पुरुषोत्तम, माता सीता, भाई लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत व केवट ,शबरी आदि के चरित्र चित्रण का प्रेरणा के स्रोत कुटुंब के आदर्श के रूप में शानदार तरीके से सदविचार व्यक्त किया।
व्याख्यान में “टूटते घर ,बिखरते रिश्ते और अपने कर्तव्यों का घोर विलोप करने, नैतिक मूल्यों का ह्रास, पर गंभीर चर्चा की गई । पहले लोरी ,लोकगीत, नाना-नानी, दादा-दादी के किस्से कहानी व्यक्ति के संस्कार का बीजारोपण करते थे, रिश्तो की मर्यादा का ज्ञान कराते थे ,आज हम सब के पास भागदौड़ की जिंदगी में बच्चों के लिए समय नहीं है, जिससे बच्चे अभिभावक से दूर हो रहे हैं , हम सभी को रामचरितमानस का आचरण जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
जितेंद्र चंद्रवंशी द्वारा अपने उदबोधन में कहा गया कि कार्यक्रम में चर्चा के अतिरिक्त अगर महीने में एक बार प्रत्येक वार्ड में जनसंपर्क किया जाए तो टूटते घरों को बचाने का एक मंच समाधान का मिल जाएगा और कमेटी के लोगों के द्वारा समाधान कराया जा सकेगा तो कुटुंब हमारे सुरक्षित रहेंगे और लोगों को न्याय दिलाने में सुविधा होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राज कुमार अग्रहरी नगर अध्यक्ष के द्वारा की गई एवं साथ में नंदलाल अग्रहरी डॉक्टर प्रभु सिंह कुशवाहा एडवोकेट प्रेमचंद यादव एडवोकेट ,डॉ इस्लामुल्हुदा ,कन्हैया लाल एडवोकेट, सोनी जीआदि लोग मौजूद रहे । कुटुंब प्रबोधन गोष्ठी का संचालन शिव शंकर एडवोकेट के द्वारा किया गया।