साहित्य का उभरता सितारा हैं भाई सुधीर
कानपुर से महेश गुप्ता द्वारा प्रेषित / सोन प्रभात
सुधीर गुप्ता जी का बचपन से ही साहित्य लेखन में रुझान रहा है, इंजीनियरिंग प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद भी आपका मोह लेखन के प्रति कम नहीं हुआ, आपकी प्रथम कृति ” वैकेंसी” ने अपने लेखन में एक नया विषय बेरोजगारी, शिक्षित वर्ग का अवहेलना पूर्ण जीवन तथा सामाजिक उपेक्षा, परिवार द्वारा प्रताड़ना जैसे समस्याओं पर आधारित यह उपन्यास समाज को झकझोरने वाली कृति है जिसे पाठकों ने लेखक द्वारा उकारे गए संवेदनाओ को जीवंत होते हुए देखा है।
कानपुर उत्तर प्रदेश में 17अगस्त1979 में स्वर्गीय देवीदीन एवम श्रीमती प्रभा के घर जन्मे सुधीर जी का बाल्यकाल से ही साहित्य के प्रति अभिरुचि ने एक उपन्यास लिखकर अपने बौद्धिक क्षमता का परिचय दिया है!! लेखक सुधीर भाई के अनुसार अति शीघ्र इस प्रथम कृति “वैकेंसी” के विमोचन की तैयारी है जिसे वरिष्ठ साहित्यकारों की सम्मानित उपस्थिति एवम मार्गदर्शन में विमोचित की जायेगी!! प्रस्तुत पुस्तक भारतीय साहित्य संग्रह द्वारा प्रकाशित सुंदर गेटअप तथा जिल्द सहित 144 पृष्ठ के साथ आई एस बी एन द्वारा मान्यता प्राप्त पुस्तक है जो अमेजन पर भी उपलब्ध है।