भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भैया दूज का त्यौहार उल्लास पूर्वक मनाया गया।
- 👈पूजा में सैनिटाइज ,भाई बहन ,सांप, बिच्छू आदि की मूर्तियां गोबर से बनाई गई।
दुद्धी – सोनभद्र –
जितेंद्र चन्द्रवंशी – सोनभद्र
दुद्धी तहसील अंतर्गत नगर पंचायत एवं आसपास के ग्रामीणों में भाई बहन का पावन त्यौहार भैया दूज मनाया गया।
आज प्रातः माताओं एवं बहनों के द्वारा स्नान कर भावपूर्ण माहौल में भाइयों के दीर्घायु जीवन के लिए परंपरागत रूप से भाई बहन ,सांप बिच्छू ,सील बट्टा,चूल्हा , मां गंगा आदि अन्य जिवो के गोबर से मूर्ति बनाकर और भाट भाटीन की कहानी के द्वारा अपनी भाइयों के दीर्घायु जीवन के लिए उन्हें गालियां परंपरा अनुसार बहनों द्वारा दिया जाता है और गालियां भाइयों को ना लगे इसके लिए अपने केशों को दूध से धूला जाता है , जिससे सिर पर भाई का दोष ना लगे, और जीभ को काटो से भाई को दोष मुक्त के लिए चुभोया जाता है ।
आठों पहर के भाई के दुश्मनों को प्रतीक के रूप में कांटो को कूट कूटकर मारा जाता है तथा दोष मुक्ति किया गया और पूजा में चढ़ाए गए प्रसाद को भाइयों को खिलाया जाता है और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की जाती है। इस बार माताओं बहनों के द्वारा भारत को कोरोना से मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना माताओं बहनों के द्वारा किया गया।
पूजा कार्यक्रम की व्यवस्था रूबी कुमारी, रिमी कोमल पूजा, रिंकी आदि लोगों के द्वारा आस्था के साथ पूजा स्थल को वैश्विक महामारी करोना के प्रतीक चिन्ह का भी प्रयोग पूजा में कर देश को भी जागरूक करने का कार्य किया गया, जिसकी प्रबुद्ध जनों ने भी प्रशंसा की।