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सोनभद्र – कुछ बातें जो जानना बेहद आवश्यक है…

सोन प्रभात- अनिल कुमार गुप्ता

Son Prabhat Live

सोनभद्र!

यकीनन ये नाम अब आम नहीं रह गया है।जी हाँ हम उस जिले की बात कर रहे हैं जो भारतवर्ष के प्रसिद्ध राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला है।

पिछड़ा होने के बावजूद भी लोग इसे प्राकृतिक संसाधनों और औद्योगिक स्रोत बहुतायत होने के कारण भलीभाँति जानते हैं।आजादी के 42 वर्षों के बाद सोनभद्र को मूल मिर्जापुर से 4 मार्च 1989 को अलग किया गया था। सोनभद्र हिंदुस्तान का एकमात्र ऐसा जिला है, जो देश के 4 राज्यों से मिला हुआ है।

जिले की पश्चिमी सीमा से सटा हुआ मध्यप्रदेश, दक्षिण दिशा में छत्तीसगढ़,पूरब में झारखंड तथा बिहार स्थित है।सोनभद्र राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है,जो 6788 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
पश्चिम से पूर्व की ओर बहती सोननदी के नाम पर जिले का नाम सोनभद्र पड़ा।स्वतंत्रता के लगभग 10 वर्षों बाद तक प्रान्त में यातायात तथा संचार के कोई साधन नहीं थे।लेकिन यह प्राकृतिक संसाधनों(कोयला पत्थर, जल,चुना पत्थर इत्यादि) से भरपूर था जिसके कारण 13 जुलाई 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने रिहन्द परियोजना की आधारशिला रखी। 9 वर्ष बाद 6 जनवरी 1963 में इसका उद्घाटन किया।इसका नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के नाम पर पण्डित गोविंद वल्ल्भ पन्त बांध रखा गया जो मध्यप्रदेश में स्थित सिंगरौली जिला में तथा सोनभद्र में विद्युत परियोजना के लिए कार्यरत है।इस बांध को रिहन्द बांध के नाम से भी जाना जाता है जो कि रिहंद नदी के नाम पर पड़ा है जिसकी प्रमुख सहायक नदी गोवरी नदी है।

प्राकृतिक संसाधनों के सरलता से मिलने के कारण विश्व में सबसे ज्यादा अलुमिनियम उत्पादन करने वाली कम्पनी आदित्य बिड़ला ग्रुप की स्थापना सन 1958 में किया गया। यह हिंडाल्को के नाम से जाना जाता है और अलुमिनियम के साथ साथ ही ये कॉपर उत्पादन भी करता है।

औद्योगिक क्षेत्र में सोनभद्र का बहुत बड़ा योगदान रहा है। कुछ प्रमुख औद्योगिक उत्पादन कारखाने निम्न हैं-

  1.  1956 में बने चुर्क सीमेंट कारखाना जो प्रतिदिन 800 टन सीमेंट का उत्पादन करता है।
  2. 1963 में बना रिहंद बांध पिपरी में स्थित है जो 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन करता है।
  3.  1962,हिंडाल्को अलुमिनियम कारखाना जो 24200 टन अलुमिनियम का प्रतिवर्ष उत्पादन
  4. 1965, आदित्य बिड़ला केमिकल रेनुकूट, 10000 एसीटैलडीहाइड उत्पादन प्रतिवर्ष
  5. 1971,डाला सीमेंट कारखाना 4.75 लाख टन प्रतिवर्ष
  6.  1988 में निर्मित NTPC रिहन्दनगर ,3000 मेगावाट का प्रतिवर्ष विद्युत उत्पादन
  7. अनपरा में बने NTPC से 3850 मेगावाट का विद्युत उत्पादन प्रतिवर्ष।

यह जिला औद्योगिक स्वर्ग है। यहां एल्युमीनियम इकाई, रासायनिक इकाई, देश कि सबसे बड़ी डाला सिमेन्ट फैक्ट्री(800 टन प्रतिदिन), अनपरा व रिहन्द विद्युत इकाई (थर्मल व हाईड्रा), स्टोन थ्रशर इकाई, आदित्य बिड़ला केमिक्लस, एन.टी.पी.सी. इत्यादि मिलकर इस जिले को भारत का पावर हब बनाते हैं,तथा इसी दृष्टि इसे ‘मिनी मुम्बई’ भी कहा जाता है।

Ashish Kumar Gupta

Ashish Kumar Gupta is an Indian news anchor and journalist, who is the managing director and editor-in-chief of Son Prabhat Web News Service Private Limited Sonbhadra India. In the field of journalism, this journalist, who constantly talks about social interest and public welfare with his pen, is establishing a new dimension in the journalism of the district. Email - Editor@sonprabhat.live
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