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सोनभद्र एक पर्यटक स्थल-: वीर लोरिक पत्थर से जुड़े ऐतिहासिक तथ्य (Energy Capital Of India – Switzerland Of the India) – Sonbhadra

सोनप्रभात – विशेष लेख – (सोनभद्र)                         – आशीष कुमार गुप्ता’अर्ष’ 

आइये हम आपको रूबरू कराते हैं सोनभद्र के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों और उनसे जुड़ी ऐतिहासिक कहानियों से,ऐसी कहानियां जो आपको अविश्वसनीय लगेगी परन्तु इसके पीछे पूर्णतया सच्चाई है।

  • वीर लोरिक पत्थर  – (मारकुंडी घाट- सोनभद्र) 

लोरिक एक विश्वविख्यात ऐतिहासिक नायको में से एक हैं जो बहुत बलशाली और आम जन के हितैषी के रूप में पूरे उत्तर भारत में विख्यात हैं।उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के गउरा नामक गाँव के एक अहीर परिवार में हुआ था।उनके काल निर्धारण को लेकर विद्वानों में विवाद हैं, कई विद्वानों ने उन्हें ईसा पूर्व से पहले का कहा है और कई विद्वानों ने 10वीं शताब्दी का।यह भी कहा जाता है कि लोरिक की वंशावली राजा भोज से मिलती जुलती है। लोरिकायन पवारों का काव्य माना जाता है और पवारों के वंश में ही राजा भोज का जन्म हुआ था लेकिन वीर लोरिक एक अहीर जाति के थे जो लड़ाकू जाती के रूप में जानी जाती थी।


लोरिक का गहरा संबंध सोनभद्र के अगोरी किले के साथ है,यह किला बहुत ही प्राचीन है और अपने भव्य रूप में आज भी विराजमान है लेकिन इसके प्रामाणिक इतिहास के बारे में कोई जानकारी नही है।ये किला 10वीं शताब्दी के आस पास बना था जिसका पुनर्निर्माण खरवार और चन्देल राजाओं के द्वारा करवाया गया था।अगोरी किले के ही नृशंस अत्याचारी राजा मौलागत से वीर लोरिक का युद्ध हुआ था जिसमे मौलागत बुरी तरह से पराजित हुए थे।ऐसा भी माना जाता है कि लोरिक को कई तांत्रिक और सिद्ध शक्तियां भी प्राप्त थी जिसके चलते उन्होंने अगोरी किले पर अपना वर्चस्व कायम किया था।
इस ऐतिहासिक युद्ध का कारण वीर लोरिक और उनकी प्रेमिका मंजरी जिन्हें चन्दा या चनवा के नाम से भी जाना जाता है, की प्रेम कहानी थी।

 

  • प्रस्तुत है यहाँ वीर लोरिक की कहानी-

”” अगोरी के राजा मौलागत के राज्य में एक मेहर नामक अहीर रहता था जिनकी बेटी मंजरी बेहद खूबसूरत थी और मंजरी पर राजा की बुरी नजर थी।और वहीं दूसरी तरफ़ लोरिक और मंजरी एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे।मंजरी के पिता मेहर को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने मंजरी का विवाह वीर लोरिक से तय कर दिया।लोरिक को भलीभाँति ज्ञात था कि मौलागत को पराजित किये बिना वे मंजरी से विवाह नही कर सकते थे इसलिए उन्होंने युद्ध की तैयारी करके अगोरी की तरफ चलना आरम्भ कर दिया और सोनभद्र में स्थित सोननदी पर जा पहुँचे। युद्ध के साथ साथ वीर लोरिक बारात भी ले जा रहे थे।वही राजा मौलागत ने तमाम उपाय किये की बारात सोननदी को पार ना कर सके लेकिन सबको पराजित कर वीर लोरिक अगोरी को जा पहुंचे।
मौलागत और लोरिक के बीच एक भीषण युद्ध प्रारम्भ हुआ और और बहुत रक्तपात हुआ। रक्त पात की मात्रा इतनी हो गई थी कि अगोरी से निकले नाले का नाम रुधिरा नाला पड़ गया जिसे आज भी इसी नाम से जानते हैं। इसके साथ ही नरमुंडों का ढेर लग गया था जिससे पास के एक पहाड़ को नरगड़वा पहाड़ के नाम से जाना जाता है और आज भी यह पहाड़ उनकी वीरता की याद दिलाता है।

मौलागत और उसकी बड़ी सेना बुरी तरह से पराजित हुई और युद्ध में मौलागत का अपार शक्तिशाली हाथी भी मारा गया जिसपे प्रहार वीर लोरिक ने अपने तलवार से किया था।उस तलवार का नाम बिजुरिया बताया जाता है और उसका वजन 85 किलोग्राम साथ ही साथ तलवार में 85 मणिया भी लगी हुई थी। हाथी का वध करने के बाद उन्होंने हाथी के सर को सोननदी में फेंक दिया जिसका प्रतीक आज भी प्रस्तर किले के सामने दिखाई पड़ता है। इस युद्ध से सम्बंधित कई निशान युद्धस्थल के आस पास मौजूद हैं।
इस युद्ध के बाद लोरिक अपनी प्रेमिका से सफलता पूर्वक विवाह संपन्न करके वापस अपने गाँव जा रहे थे तभी उनकी पत्नी ने उनकी वीरता की परीक्षा लेनी चाही और कहा कि उन्हें कोई ऐसी निशानी चाहिए जो दुनिया याद रखे।

वीर लोरिक ने पास में ही पड़े चट्टानों में से सबसे बड़ी चट्टान को देखा और माँ काली को याद करके अपनी तलवार बिजुरिया से उसपे प्रहार कर दिया और एक ही क्षण में विशाल चट्टान के दो टुकड़े हो गए।ये चट्टान आज भी रॉबर्ट्सगंज के मारकुंडी घाट पे उनकी अमर प्रेम कहानी की याद दिलाता है।


इस स्थल पर पर्यटकों का तांता लगा होता है ।
इस अविश्वसनीय कहानी के सच को जागृत देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और कहा जाता है कि अगर कोई भी प्रेमी युगल यहां पर आके सच्चे दिल से मन्नत मांगे तो वो निश्चित रूप से पूरी होती है।

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Ashish Kumar Gupta

Ashish Kumar Gupta is an Indian news anchor and journalist, who is the managing director and editor-in-chief of Son Prabhat Web News Service Private Limited Sonbhadra India. In the field of journalism, this journalist, who constantly talks about social interest and public welfare with his pen, is establishing a new dimension in the journalism of the district. Email - Editor@sonprabhat.live
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