gtag('config', 'UA-178504858-1'); डीएम साहब ध्यान देंǃ करहिया व बोधाडीह में अंधाधुंध खनन से जोरकहु नैसर्गिकता पर लगा ग्रहण। - सोन प्रभात लाइव
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डीएम साहब ध्यान देंǃ करहिया व बोधाडीह में अंधाधुंध खनन से जोरकहु नैसर्गिकता पर लगा ग्रहण।

विंढमगंज – सोनभद्र – पप्पू यादव– सोनप्रभात 

विंढमगंज/ सोनभद्र|  रेनुकूट वन प्रभाग व दुद्धी तहसील व सर्किल क्षेत्र के करहिया पिछले कुछ दिनों से अवैध खनन का हब बन गया है, यहां कनहर नदी में ताबड़तोड़ खनन से अब कनहर नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित पर्यटन स्थल का बात जोह रहे जोरकहु की नैसर्गिकता अब धीरे धीरे उजाड़ होने लगी है,अब नदी बीहड़ो में तब्दील होने को चली है| ऐसा नहीं है कि इस काले खेल की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है ,समय समय पर मीडिया उन भ्रष्ट जिम्मेदारों के अफसरों को भी मामले का संज्ञान देती रहती है लेकिन ये अफसर अपने अधीनस्थों के गठजोड़ को तोड़ने में विफल साबित हो रहे है|

करहिया के एक ग्रामीण ने नाप ना छापने की शर्त पर बताया कि यहां अवैध खनन का नँगा नाच चौबीसों घंटे चलता है ,लाख जतन के बाद भी यह रुक नहीं रहा बताया कि इधर कोई अधिकारी इधर आते नही और जो आते है वे खननकर्ताओं से सेटिंग गेटिंग कर चले जाते है| उन्होंने बताया कि शक्ति घाट कनहर नदी से 13 ट्रैक्टर है चलते है।  जो बुध बाजार स्थित एक खनन माफिया के बाउंड्री में बालू डंप करते है और फिर वहां से टीपर में बालू को लोड कर कोन ,कचनरवा ,विंढमगंज में सप्लाई दी जा रही है।

आगे भी बताया कि करहिया पार कर बोधाडीह में कनहर नदी से 18 ट्रैक्टर दिन रात चलते है और ग्रामीण गरीबा के चेरों के घर के पास के बालू को डंप करते है और 5 टीपरो के माध्यम से बालू को लोडकर कोन कचनरवा ले जाते है। दिन भर में 25 टिपर बालू यहां से भेजा जाता है जो घिचोरवा वन चौकी के वन कर्मियों के सामने ही फर्राटे भरते हुए गुजरते है।बताया कि इसमें हल्का लेखपाल की भी मिलीभगत है जो राजस्व के बड़े अधिकारियों को यहां सब कुछ ठीक ठाक की सूचना भी देते रहते है।
अवैध खनन में लिप्त तीन टिपर तुमिया के एक कुड़वा के और एक कचनरवा के है। खनन का कार्य नदी में ट्रैक्टर के माध्यम से 5 बजे शाम से शुरू होकर सुबह 10 बजे तक बेखौफ चलता है | जो बुध बाजार गुलरिया तरफ रोड पर ,रामसुरेश के घर के पास बोधाडीह करहिया सुखमली चेरों के घर के पास व जहां तहां डंप करते है और फिर मौका देख उसकी टीपरो में लोडिंग कर ऊंचे दामों पर तस्करी करते है| साथ ही बताया कि इस खेल में पुलिस , वनकर्मी व राजस्व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है।

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