
तहसीलदार के आदेश पर विवादित पट्टे की जमीन में रात को कब्जा अभियान।
- निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी, दूसरा पक्ष न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट पर डटा।
बभनी- सोनभद्र
उमेश कुमार – सोनप्रभात
बभनी। सूबे की सरकार के मंशा के विपरीत तहसील प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है, जहां जमीन कब्जा को लेकर न्याय के लिए पीड़ित पक्ष अधिकारियों के चौखट पर लगा रहा है हाजिरी, लेकिन न्याय मिलने की जगह फटकार मिल रही है। स्थानीय बाजार स्थित रेनुकूट बीजपुर मार्ग के दक्षिण पटरी पर कीमती जमीन में रात को युद्धस्तर पर भवन निर्माण कार्य होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार लगभग 1985 में एनटीपीसी रिहंद प्रबन्धन ने विस्थापित परिवारों को चालीस फिट बाई 60 फिट का आवासीय पट्टा आवंटित किया था। कुछ जगह नाम में हेराफेरी कर शुरू से ही बिवाद को जन्म दिया गया मामला विवाद के कारण उच्च न्यायालय में चल रहा था , लेकिन इस बीच पिछले सोमवार 16 दिसम्बर को दुद्धी तहसीलदार मौके पर पहुँच कर उक्त विवादित भूखंड को एक चर्चित और सरकार द्वारा घोषित भूमाफिया को साठ गांठ के तहत कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बाजार में 437, 438 नम्बर के प्लाट पर निर्माण कार्य की अनुमति दे दी। जब कि यह नम्बर रामल्लू तथा रामजी के नाम आवंटित है , अन्य पड़ोसी पट्टेदार भी दूसरे पक्ष का ही प्लाट बता रहे हैं। इस बीच दूसरा पक्ष भी अपना कोर्ट का आदेश और कागजात और पट्टा दिखा कर निर्माण कार्य न कराए जाने की गुहार तहसीलदार और पुलिस प्रशासन से करता रहा, लेकिन विवाद को सुलझाने की बजाय दूसरे पक्ष को भगा दिया गया।
गौरतलब हो कि बीजपुर में उपजे अधिकांश जमीनी विवाद में उक्त भूमाफिया की दखलंदाजी से हर कोई रहवासी और जिला प्रशासन त्रस्त हो कर बीजपुर थाने में मामला भी दर्ज कराया है। तत्कालीन तहसीलदार का आरोप था, कि उक्त विवादित ब्यक्ति सर्वे सेटलमेंट के समय ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन को कई जगह फर्जी ठंग से अपने नाम करा कर दर्जनों लोगों के नाम बिक्री कर रजिस्ट्री तक कर दिया था। जिसको तत्कालीन दुद्धी एसडीएम द्वारा निरस्त भी किया गया है। बावजूद अब चर्चित ब्यक्ति की पत्नी का प्लाट बता कर रात के अंधेरे में कब्जा करा कर अधिकारी नए बिवाद को जन्म देने में लगे हुए हैं।