आज की कोरोना पर पॉजिटिव न्यूज़ :-
- इस हफ्ते कोरोना पर आईं दो अच्छी खबरें, अब मॉडर्ना ने कहा- वैक्सीन 94% कामयाब औऱ फाइजर कंपनी ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन 90% तक प्रभावी ।
लेख – एस0के0गुप्त “प्रखर” – सोनप्रभात
कोरोना को लेकर अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है, कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है, लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा के आधार पर कंपनी ने यह दावा किया है, एक हफ्ते के भीतर वैक्सीन के शानदार प्रदर्शन का दावा करने वाली मॉडर्ना दूसरी अमेरिकी कंपनी है।
इससे पहले फाइजर कंपनी ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी साबित हुई है।
दोनों ही वैक्सीन की सफलता का दावा किया जा रहा है वह उम्मीद से कहीं बेहतर है। जब कि ज्यादातर एक्सपर्ट वैक्सीन के 50 से 60% तक ही सफल होने की उम्मीद करते रहे हैं।हालांकि, वैक्सीन की डिलीवरी शुरू किए जाने से पहले अभी और सेफ्टी डेटा की जरूरत पड़ेगी। सेफ्टी डेटा सामने आने के बाद अगर रेग्यूलेटर्स से मंजूरी मिल जाती है तो अमेरिका में दिसंबर तक दो कोरोना वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल किया जा सकता है।
मॉडर्ना और फाइजर, दोनों ही वैक्सीन नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से तैयार की गई हैं। इसमें RNA या mRNA नाम के मैसेंजर का उपयोग किया गया है। मॉडर्ना के प्रेसिडेंट स्टीफन होज ने कहा है कि हमारे पास ऐसी वैक्सीन होगी जिससे कोरोना ठीक हो जाएगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में साल के अंत तक 6 करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध हो सकती है, वहींअगले साल तक इन दोनों वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक अमेरिका के पास हो सकती है जो उसकी जरूरत से कहीं अधिक होगी। जब कि अमेरिका की आबादी करीब 33 करोड़ है।
मॉडर्ना ने यह अंतरिम विश्लेषण ट्रायल में शामिल वॉलेंटियर्स के 95% संक्रमित मामलों के आधार पर किया है, जिन्हें या तो वैक्सीन या फिर प्लेसबो दिए गए थे। इनमें सिर्फ 5 लोग ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन की दो खुराक दिए जाने के बावजूद संक्रमण का सामना करना पड़ा था। मॉडर्ना की वैक्सीन फाइजर के मुकाबले इसलिए भी बेहतर हो सकती है कि क्योंकि इसे स्टोर करने के लिए अल्ट्रा कोल्ड तापमान की जरूरत नहीं होती है। यह मेडिसिन कोरोना मरीजो के लिये काफी कारगर सिद्ध होगी।