पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर कवियों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित।
- मत व्यथित हो कलम कार तुम, कलम ओज से भर लेनाǃ बन्दूकों से गोली निकले, तुम आग हृदय में भर लेना !! – सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”
विन्ध्यनगर– सिंगरौली – सोनप्रभात
चौदह फरवरी को शिव पहरी, सिद्धि खुर्द जनपद सिंगरौली स्थिति अनुष्का पैलेस में शिक्षकों द्वारा शहीद वीर सैनिको के स्मृति मे एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम माँ वीणा पाणिनी के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात कवि सम्मेलन के आयोजक के पी सोनी व सुरेन्द्र शाह द्वारा आगन्तुक कवि जनो का स्वागत किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनपद के वरिष्ठ कवि सुरेश गुप्त “ग्वालियरी” ने मंच संचालन की जिम्मेदारी वरिष्ठ कवि एस पी तिवारी को सौपी। कार्यक्रम का आगाज करते हुए दोहा विधा के सम्मानित रचनाकार ,शिक्षक के०पी० सोनी ने मधुर स्वर में सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति दी।
सुरेन्द्र प्रसाद शाह ने कवि सम्मेलन का प्रारम्भ शहीदो के प्रति रचना से शुरू कर हर विधा की रचना को सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी, आपकी रचना में “एक पीडा देखिये- पापा हमहु के कुछ तो पढाई देत, नाम स्कूल में लिखाइल देत।”
अगली पायदान पर वरिष्ठ रचनाकार के पी सोनी ने गजल ,मुक्तक, दोहा सुनाकर माहौल को भव्यता प्रदान की। शिक्षक व कवि मनोहर लाल वर्मा ने ग्रामीण आँचल की पीडा को अपनी प्रस्तुति में उजागर की, “एक बानगी देखिये- धरा पे बेटियां सन्देश देने आती है,धन्य करने को दोनो कुल, कदम आगे बढ़ाती है।”
वैढन से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार व अधिवक्ता प्रविन्दु दुबे “चंचल” ने अपनी अपने गम्भीर रचनाओँ से माहौल में एक खामोशी भर दी। देखिये कुछ अंश- दूर हुआ अहसास, धरा पर अपने पन का!!
माहौल को गम्भीरता से निकालने के लिये मधुर लय कण्ठ के धनी जयंत से पधारे कवि व शिक्षक राम खेलावन मिश्र ने वातावरण मे मधुरता प्रदान कर रस घोल दिया। एक बानगी – उन शहीदों को मेरा शत शत नमन , कर दिये जो देश हित जीवन हवन!!
अब बारी थी संचालक व जन पद के प्रसिध्य व्यंग कार कवि एस पी तिवारी की ,आप ने अपने व्यंग्य वाणो से समाज की विसंगतियो पर कड़ा प्रहार करते हुए ” सत्य न्याय का झंडा लेकर, कौन यहाँ चलने वाला”!! ओज पूर्ण रचना प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ रचनाकार सुरेश गुप्त,ग्वालियरी ने शहीदो को नमन करते हुए पधारे हुए सभी बुद्धजीवी वर्ग व नारी शक्ति का आभार व्यक्त करते हुए अपने गीत मुक्तक व दोहों से कोराना काल मे मिले कुछ सकारात्मक उपलब्धियो पर रचनाएँ प्रस्तुत कर आयोजक के पी सोनी , सुरेन्द्र शाह का आभार व्यक्त करते हुए सम्मेलन की समाप्ति की घोषणा की। इसके साथ ही एक सामूहिक मधुर जलपान एवं आमंत्रित कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर
सम्मानित किया गया।