संस्कृत पढ़ संस्कार का परिष्करण कर,संस्कृति की रक्षा करें- पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी।
👉” ना मंदिर मिलेंगे ना गुरुद्वारे मिलेंगे, तेरे घर में है तेरे भगवान, कर लें माता को प्रणाम कर लें पिता को प्रणाम ” गीत से माता-पिता के त्याग और बलिदान का मार्मिक चित्रण किया। 👉आज होगा माता सीता की विदाई। दुद्धी – सोनभद्र – जितेंद्र चन्द्रवंशी – सोनप्रभात दुद्धी सोनभद्र शिव की नगरी…