नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्
महामंगले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ।।
हे वत्सल मातृ भूमि! मैं तुझे निरंतर प्रणाम करता हूं!! हे हिंदु भूमि! तूने ही मुझे सुख में बढ़ाया है, हे मंंगलमयी पुण्य भूमि तेरे हित मेरी यह काया अर्पित हो!! तुझे मैं अनन्त बार प्रणाम करता हूं!! विंध्य नगर / सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी/ सोन प्रभात विंध्य नगर ढोटी स्थित संघ कार्यकर्ता श्री…