साक्षात्कार विशेष : “कविता सृजन आसान कार्य नहीं, कविता को जीना भी पड़ता है।” – नरेंद्र नीरव
लेख : सुरेश गुप्त ‘ग्वालियरी’, विंध्य नगर बैढ़न/ सोन प्रभात “कविता सृजन आसान कार्य नहीं, कविता को जीना भी पड़ता है…” यह पंक्तियाँ न केवल सोनभद्र के प्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार नरेंद्र नीरव जी की साहित्यिक दृष्टि को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि कविता केवल भावों का संग्रथन नहीं, बल्कि वह जीवन…