यूपी बोर्ड 2021-: तुगलकी फरमान से यूपी बोर्ड की हाई स्कूल के परिणाम में होगी उलझन, विद्यालयों की बढ़ी मुश्किलें।

- -यूपी हुकूमत को बदनाम करने की साजिश।
- -प्रोन्नति हुए थे 10, 12 के सिवा सभी विद्यार्थी।
- माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद चौबे ने उठाया बड़ा सवाल,यूपी सीएम को किये ट्वीट।
सोनभद्र – सोनप्रभात – वेदव्यास सिंह मौर्य/आशीष गुप्ता
तुगलकी फरमान से यूपी बोर्ड की हाई स्कूल के परीक्षा परिणाम उलझन में पड़ता नजर आ रहा है। उक्त बातें माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद चौबे ने उत्तर प्रदेश के सीएम, शिक्षा मंत्री आदि को ट्वीट कर स्पष्ट और वाजिब आदेश की अपेक्षा की है।

- 24 घण्टे के अंदर कक्षा 10वी के अर्धवार्षिक परीक्षा और प्री बोर्ड का मूल्यांकन अपलोड करने की मांग की गई थी।
पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि 17 मई 2021को बोर्ड से आदेश हुआ कि 18 मई 2021की शाम तक हाई स्कूल के अर्द्ध वार्षिक और प्री बोर्ड के अंक वेबसाइट पर लोड किया जाए। आनन- फानन में पूरे प्रदेश भर में अंक लोड करने का कार्य शुरू हुआ, जो पूरा नहीं होने पर 20 मई 2021 तक का समय दिया गया।

- इस सत्र में हाईस्कूल के परीक्षार्थियों के गत वर्ष कक्षा 9 के परीक्षा परिणाम 24 मई तक अपलोड करने की मांग की गई है।
यह सब ओझाई चल ही रही थी कि इसी बीच इन विद्यार्थियों का कक्षा 9 का परीक्षा परिणाम 24 मई 2021 तक लोड करने का आदेश निर्गत हो गया है।जबकि उत्तर प्रदेश शासन के 13 अप्रैल 2020 के आदेश पर कोविड 19 कोरोना के चलते कक्षा 9 के साथ ही कक्षा 6, 7, 8, 11 बिना परीक्षा दिये सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नति दे गई थी।

- समस्या-: अधिकतर विद्यालयों में प्रोन्नत हुए थे पिछले वर्ष परीक्षार्थी, कैसे अपलोड करें प्राप्तांक?
नए तुगलकी फरमान में अब कक्षा 9 के भी अंक वेबसाइट पर लोड करना है। पूरे प्रदेश में बहुत सारे विद्यालयों में पिछले सत्र में बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 व 12 के अलावा अन्य परीक्षा ही नहीं हो पाई थी। ऐसी स्थिति में पूरे प्रदेश में ऐसे विद्यालयों के सामने संकट खड़ा हो गया है, कि पिछले सत्र के माध्यमिक शिक्षा परिषद के वेबसाइड पर कक्षा 9 का अंक कहाँ से लोड करें। ऊपर से आदेश में अंक लोड नहीं होने की स्थिति में जिला विद्यालय निरीक्षकों को जिम्मेदार बनाया गया है।

- हुकूमत को बदनाम करने की साजिश- प्रमोद चौबे (पूर्व जिलाध्यक्ष सोनभद्र मा0शि0सं0)
2021 में हाई स्कूल की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए बार-बार किये जा रहे विरोधाभाषी आदेश से विद्यालय चिंतित हैं। दुर्भाग्य है कि विश्व की सबसे बड़ी यूपी बोर्ड परीक्षा के सन्दर्भ में तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं, जिससे यूपी हुकूमत को तो बदनामी मिलेगी ही, वहीं ऊपर से कोई निश्चित आदेश के अभाव में उहापोह की स्थिति बन गई है।
- उल्टे आदेशों को रोके हुकूमत।
उत्तर प्रदेश सरकार विरोधाभाषी आदेशों की जवाबदेही तय करते हुए स्पष्ट आदेश निर्गत करे, जिससे फालतू का पैदा हुआ भ्रम पैदा समाप्त हो जाए। बता दें बोर्ड परीक्षा पर स्पष्ट घोषणा नहीं होने से यूपी में लाखों विद्यार्थी, उनके अभिभावक और शिक्षक तनाव की स्थिति में हैं।