एन ओ सी और अभिलेख न दिखाने पर ऐस फिलिंग डैम का काम रोका

जितेंद्र चंद्रवंशी -दुद्धी, सोनभद्र (सोनप्रभात)
- एस डी एम ने बैठाई जांच टीम
बभनी, सोनभद्र-दुद्धी तहसील बभनी ब्लॉक के बरवाटोला में एस फाइलिंग डैम निर्माण कार्य मे पहाडी से पत्थर तोड़वाकर प्रयोग किये जाने की स्थलीय जांच के बाद और एन ओ सी के कागजात न दिखाए जाने को लेकर एस डी एम दूधी रमेश कुमार ने विशेषज्ञों की टीम गठित कर जांच का आदेश देते हुए जांच पूरी होने तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया है। एस डी एम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि डैम की दीवार जंगल की पहाड़ी से तोड़ कर बनाया जा रहा है और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण द्वारा जारी गाइड लाइन का पॉलन नही किया जा रहा है। ऐसे में आने वाले समय मे राख रीस कर आसपास के मिट्टी और जल को प्रदूषित कर सकता है। जिसका असर सीधे रहवासियों पर पड़ सकता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम ने सेल फोन पर बताया कि कोयले की राख में मरकरी और फलोराइड, सीसा ,जैसे अनेक विषैले तत्व होते है जो खरनाक हो सकते है।सी पी सीबी ने इसके लिए नियम और गाइड लाइन बनाये है उन मानकों को पूरा कर के ही ऐस डैम का निर्माण कराया जा सकता है।फिलहाल बरवाटोला के लिए मेरे यहाँ से एन ओ सी जारी नही किया गया है । टीम गठित कर जांच के लिए एस डी एम दुद्धी द्वारा निर्देश प्राप्त हुआ है जिसकी जांच की जाएगी।
कोयले की राख सीधे गड्ढे या खेत मे भरने से वहाँ की मिट्टी और पानी दोनों जहरीला हो जाता है।जिसका असर सोनभद्र के प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में देखा जा सकता है । एन ओ सी के साथ गाइड लाइन का पॉलन जरूरी है अन्यथा स्थानीय निवासियों पर इसका बुरा और खतरनाक असर पड़ेगा। प्रकृति प्रदत मूलभूत ढांचे के साथ छेड़छाड़ कर जमीन की उर्वरा शक्ति, और आसपास के वातावरण को नुकसान पहुंचाना खतरनाक हो सकता है l
- डॉ अनिल गौतम ,वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक ,पी एस आई देहरादून
- फ़ोटो बभनी ब्लॉक के बरवाटोला में ऐस फीलिंग डैम का निरीक्षण करते एस डी एम रमेश कुमार