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शादी में गोलमाल,पुत्री व पिता ने दिखाई बहादुरी,वापस हुई बारात

अनिल अग्रहरि -डाला, सोनभद्र (सोनप्रभात)

 

 

डाला सोनभद्र – स्थानीय पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुंडी टोला के बाड़ी गांव में रानीताली से आई बारात बिना विवाह के ही बैरंग वापस चली गई।घटना 24 मई की रात का बताया जा रहा है।

जिसको लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।मिली जानकारी के अनुसार बिल्ली मारकुंडी ग्राम पंचायत के बाड़ी में 24 मई की रात रानीताली क्षेत्र से एक बारात ढ़ोल-गाजे बाजे के साथ आया था।विवाह के लिए लड़की पक्ष द्वारा सारी तैयारी पुरी की गई थी।बारात दरवाजे पर पहुंची।जहां बड़े ही धूमधाम के साथ द्वारपूजा की रस्म भी अदा की गई।जिसके बाद जयमाल कार्यक्रम की तैयारी होने वाला था।तभी लड़की के पिता व भाई के मन में कुछ संका पैदा हुआ।जिसके बाद उन लोगो ने लड़के व उसके पिता से उन लोगो से अपना-अपना आधार कार्ड दिखाने की बात कही।जिसे लड़का व उसके पिता ने अपना आधार कार्ड पास में न होने की बात कही।तभी लड़की के भाई ने कहा कि आप लोग अपने घर से मोबाईल के वाट्सएप पर आधार कार्ड मंगा ले।

लेकिन लड़के व उसके पिता ने न तो अपना आधार कार्ड मंगाया और ना ही दिखा पाए जिसके बाद लड़की वालो ने शादी करने से इनकार कर दिया।तभी लड़का पक्ष ने 112 नंबर पर डायल कर पुलिस बुला लिया।मामला को गंभीर देख मौके पर मौजूद पुलिस ने डाला पुलिस प्रशासन को घटना से अवगत कराया।जिसके बाद मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी एस.के.सोनकर को लड़की के पिता ने आप बिती पुरी बातो को बताया।जिसके बाद पुलिस ने जब लड़के व उसके पिता से पुछताछ करना शुरू किया तो सच्चाई सामने आया कि लड़के का पिता बनकर आया सख्स न तो लड़की वाले के बिरादरी का है और ना ही वह दुल्हा बनकर आया लड़के का असली पिता ही है।

जिसकी बाते सुनकर लड़की पक्ष के लोग आक्रोषित हो गये।लेकिन पुलिस प्रशासन ने मामले को शांत कराया।जिसके बाद बारात बिना विवाह के ही उसी रात बैरंग वापस चली गई।

मामले के सम्बंध में लड़की के पिता ने बताया कि रानीताली निवासी धनराज इस विवाह का अगुआ है।जिसने झूठ बोला कि राजकुमार भारती पुत्र अरबिन्द प्रतापगढ़ का रहने वाला है।जो बाम्बे में इलेक्ट्रीशियन का कार्य करता है।धनराज ने रानीताली स्थित अपने घर पर ही उस लड़के को बुलाकर दिखलाया गया जहां धनराज ने विवाह तय कराया।जहां तय हुआ कि 10 मई को तिलक व 24 मई को विवाह होगा।नियत तिथि पर तिलक का कार्यक्रम भी पुरा हो गया।लेकिन जब बारात 24 मई को दरवाजे पर आया तो शंका होने पर मामले का खुलासा हुआ कि पिता बनकर आया सख्स न तो वह उसके बिरादरी का है और ना ही वह लड़के का असली पिता ही है।जिसके कारण ही वे लोग अपना आधार कार्ड नहीं दिखा रहे थे।लड़की के पिता ने बताया कि वह एक बड़े मकड़जाल में फंसने से अपनी पुत्री को बचा लिया।अन्यथा ये जालसाज विवाह के बाद लड़की को कहा लेकर जाते जिसका अतापता तक नहीं चल पाता।

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