शिकायत के बाद भी शासन-सत्ता के बीच पीस रही जनता- सावित्री देवी

उमेश कुमार -बभनी,सोनभद्र(सोनप्रभात)
- अगर सामाजिक संस्था न हो तो जनता की सुनाई न के बराबर होगी, जबकि जनता ही जनार्दन होती है
- भारत सरकार ने मामलें में कार्यवाही हेतु प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लिखी चिट्ठी
सोनभद्र।राज्य के चुनिंदा जिलों में सबसे ज्यादा राजस्व देने में अपना अहम योगदान देने वाले सोनभद्र जिले में सुविधाओं की कमी अक्सर देखने को मिलती है। जबकि जिले के राजस्व से ही जिले का विकास हो सकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सोनभद्र ज़ीरो ही माना जाता है। किसी भी बड़ी बीमारी को लेकर आम जनता को वाराणसी के रुख करना होता है। अगर सोनभद्र में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ानी हो तो उसके लिए शासन को ईमानदारी से काम करना होगा। नए काम को तो छोड़िए पुराना कार्य ही पूर्ण नहीं हो रहा और पैसों का बंटरबाट हो रहा। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है और इस मुद्दे को सावत्री देवी ने उठाया।
जनपद सोनभद्र के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खण्ड चोपन के घोरिया ग्राम पंचायत में अनिमितता देखने को मिली है।
क्षेत्र की जनता की समस्याओं को देखते हुये करोड़ों की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया शासन द्वारा स्वीकृति किया गया था। जो 6 वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी आज तक अद्धनिर्मित अस्पताल व भवन निर्माण कार्यदायी संस्था और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही तथा प्रशासकीय उदासीनता के कारण अधूरा पड़ा हुआ है। ज्ञात हो कि, उक्त अस्पताल का कार्य पूर्व सपा सरकार में शुरू किया गया था। लेकिन आज तक अस्पताल संचालित न हो सका। यह अस्पताल समय के अंदर काम करने लगता तो
इस कोविड-19 महामारी में आस-पास के ग्रामीणों किसानों गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकता था। बड़े भूखंड पर जब इस अस्पताल का निर्माण कार्य शुरुआत हुआ था तो स्थानीय आम जनता में स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद के साथ खुशी भी जगी थी।
लेकिन आज पूरा अस्पताल परिसर चारागाह बना हुआ है। साथ ही कुछ अराजकता फैलाने वाले लोगों के लिये पार्टी व नशे का अड्डा बना हुआ है। आपको बताते चले की काफी घटिया कार्य होने की वजह से काफी चीजे तो पूर्ण होने से पूर्व ध्वस्त हो चुकी है। वर्षो में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया का कार्य पूर्व की सरकार में प्रशासनिक उदासीनता की वजह से शुरू न हो सका और यही हाल वर्तमान की सरकार का भी हाल है। जो भी हो खामियाजा तो जनता को ही भुगतना होता है। मौखिक शिकायत होने के बावजूद इस मामले को लेकर स्थानीय वर्तमान सांसद व विधायक ने कभी भी अपना मुंह तक नहीं खोला। जबकि मामला यह जन सरोकार से जुड़ा हुआ है। इस पूरे मामले की जानकारी पूर्व में महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी द्वारा जिलाधिकारी सोनभद्र, मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र को मेल व पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था।उसके बाद मामलें की जाँच शुरू हुआ मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिनांक17.01.2020 के शिकायत के संबंध में विनय कुमार श्रीवास्तव जेई से संबंधित प्रकरण के संबंध में अपनी आख्या तीन दिन के अन्दर विभाग को उपलब्ध करायें को निर्देशित किया था। जिसके संबध में विनय कुमार श्रीवास्तव जे0ई0 द्वारा आख्या-जन सामान्य हेतु स्वीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोरिया का निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत हुआ था। भवन निर्माण कार्य में मुख्य भवन टाइप प्रथम आवास,आवास 2 नग, बाउंड्री वाल,जलापूर्ति हेतु पानी की टंकी इत्यादि कार्य पूर्ण करा कर विभाग को दिनांक 16 अगस्त 2019 को हस्तांतरित किया चुका है।अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति के उपरांत मानव संसाधन एवं उपकरण आवर्तक अनावर्तक व्यय की मांग शासन स्तर से किया गया है। उक्त सुविधा अब तक शासन स्तर से स्वीकृत न हो पाने से संचालन बाधित है। मानव संसाधन हेतु पुनः अनुस्मारक किया जा रहा है। स्वीकृति प्राप्त होने पर तैनाती की कार्यवाही संभव हो सकेगी। चिकित्सा अधिकारी आवास 1 नग तथा टाईप द्वितीय आवास 2 नग हेतु आवेदन स्वीकृति हेतु प्रदेश मुख्यालय प्रेषित है, धन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा। लेकिन महीनों बीतने के बाद कोई कार्यवाही नही हुआ।
सावित्री देवी द्वारा पुनः इस मामलें में प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली पत्र भेज कार्यवाही की मांग की उसके पश्चात मामलें को गंभीरता पूर्वक लेते हुये भारत सरकार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एनएचएम डिविजन ने प्रधान सचिव हेल्थ एवं फेमिली वेलफेयर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को शिकायत अग्रेषित कर मामलें में जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया है।जिसके बाद कुछ उम्मीद जगी है।