शिवा पार्क दुर्गा मन्दिर पर छठ महा पर्व पर माताओं ने दिया भगवान भास्कर अर्घ्य ।
रेणुकूट-सोनभद्र
लेख- एस0के0गुप्त “प्रखर”- सोनप्रभात
शिवापार्क दुर्गा मन्दिर ( नागेश्वरनाथ दुर्गा मंदिर) निकट गुरुद्वारा मंदिर के पुजारी पंडित मनदीप गोस्वामी ने कहा किसूरज को नमन करने वाला समूचे संसार में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहॉं अस्ताचलगामी सूर्य को भी अर्घ्य देने की परंपरा है।
दिनभर अपने तप्त तेज़ से पूरी पृथ्वी को आलोकित और उर्जित करने के बाद भगवान भास्कर जब स्वयं निस्तेज होकर ढल रहे होते हैं, तो उस वक़्त उन्हें प्रकृति के अन्य तत्वों के साथ मिलकर प्रणाम निवेदित करना हमारी कृतज्ञता का बड़ा ही सुंदर और जीवंत दृश्य है। पंडित मनदीप गोस्वामी ने कहा कि चार दिवसीय छठ महापर्व के दौरान आज भगवान भास्कर की सांध्य आराधना का दिवस है आज शाम जल में खड़े होकरअस्ताचलगामी सूर्य से माताये अपने बच्चों की मंगल- कामना कर रही है।
पण्डित मनदीप गोस्वामी ने कहा कि हर साल दीवाली के छठवे दिन कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है। छठी मइया की पूजा की शुरुआत चतुर्थी को नहाए-खाय से होती है। इसके अगले दिन खरना (इसमें प्रसाद में गन्ने के गुड़ / रस से बनी खीर व्रती को खाने के लिये दी जाती है।) षष्ठी 20 नवंबरको शाम को और सप्तमी 21 नवंबर सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जायेगा है। इस बार छठ पूजा 18 से 21 नवंबर तक मनाया जा रहा है।
शिवापार्क दुर्गा मंदिर पर छठ पर्व पर कल आखिरी अर्घ्य होगा। इसके साथ ही साल 2020 के छठ पर्व का समापन हो जाएगा। इस अर्घ्य के बाद छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद को अपने इष्ट मित्रो में बांटा जाएगा। छठ पर्व के आखिरी दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मइया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचते हैं। वही इस शिवापार्क दुर्गा मंदिर पर कोविड़-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
शिवा पार्क दुर्गा मंदिर पर छठ माता के गानों से आस पास का वातावरण खुशनुमा हो गया है।प्रसिद्ध गाने जैसे छठी माई के घटवा पर आजन बाजन बाजा बाजा बाजी बहू, कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये और ऊ जे मरबो रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरछाय जैसे भोजपुरी गाने गाए और बजाए जा रहे है
इन्हीं गानों के साथ झूमते हुए हंसी-खुशी छठी मइया को अर्घ्य देकर संतान प्राप्ति और उनके अच्छे भविष्य की कामना मातृ शक्ति कर रही है। काफी संख्या में भक्त रात भर मंदिर के प्रागण में ही मंगल गाना गाते हुए सुबह होने की प्रतीक्षा कर रहे है।