हृदय विदारक घटना – नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड की ओबी राख बहने से तीन बच्चों की मौत एक गंभीर रूप से घायल
जितेंद्र चंद्रवंशी -दुद्धी, सोनभद्र (सोनप्रभात)
शक्तिनगर।सोनभद्र में शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चिल्काटांड़ ग्राम पंचायत में बुधवार की दोपहर एनसीएल खड़िया परियोजना के ओबी (ओवरवर्डेन) की मिट्टी ढहने से दो सगे भाइयों सहित तीन बच्चों की जिंदगी दफन हो गई। वहीं एक गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए उसे एनटीपीसी के संजीवनी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। ।चारों ही शक्तिनगर थाना क्षेत्र के हरदुआ मजदूर बस्ती के निवासी हैं।घटना की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर जुट गए।नाले में से बच्चों को निकाला गया।बच्चों के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचकर दहाड़े मारकर रोने लगे, दिल को झकझोर देने वाली यह घटना लोगों ने देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए, पुलिस ने बच्चों के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पीएम के लिए भेज दिया है।एसडीएम दुद्धी रमेश और पिपरी सीओ विजय शंकर मिश्रा मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को शांत कराने में लगे रहे। एनसीएल प्रबंधन के लोग भी मौके पर पहुंच गए।
वहीं घायल बच्चे का कहना है कि वह शौच के लिए गया था, अचानक से नाले में बरसात का पानी और मलबे के बहाव में आकर बह गए।
सभी बच्चे पास के निकट हरदवा बस्ती के बताए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि चारों बच्चे शौच के लिए एनसीएल खड़िया की ओबी की तरफ गए हुए थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही वह ओबी के पास से गुजरे नाले के पास पहुंचे। ऊपर से मिट्टी का मलवा ढहकर आ गिरा और चारों बच्चे उसी में दफन हो गए चीख-पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने मलबा हटाकर बच्चों को बाहर निकाला लेकिन तब तक राधेश्याम विक्की और दीनानाथ की सांसे थम चुकी थी अभिषेक की हालत गंभीर थी। आनन-फानन में उसे एनटीपीसी के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार जारी है।
एसडीएम रमेश कुमार ने कहा कि मामले में आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि चिल्काटांड़ स्थित खड़िया स्थित ओबी के पहाड़ को लेकर वर्षों से आवाज उठ रही है। ग्रामीण प्रतिवर्ष बारिश शुरू होते ही हादसे की आशंका जताने लगते हैं, लेकिन ओबी की सुरक्षा दिवार मजबूत करने या यहां के लोगों को सुरक्षित दूसरी जगह बसाने या फिर ओबी के इर्द-गिर्द लोगों को आने जाने से रोकने को लेकर समुचित कदम अब तक नहीं उठाए जा सके हैं।