gtag('config', 'UA-178504858-1'); अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा फुलवार का सामुदायिक शौचालय - सोन प्रभात लाइव
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अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा फुलवार का सामुदायिक शौचालय

पप्पू यादव -विंढमगंज,सोनभद्र(सोनप्रभात)

 

  • बाहर से दीवाल को रंग रोशन कर डकार लिया गया सरकारी धन
  • भारत सरकार का स्वच्छ भारत का सपना पर पानी फेर रहे बिचौलिया
  • इस सम्बंध पर नही खुल रहा किसी की जुबान ,आखिर कौन हैं जिम्मेदार 
  • सामुदायिक शौचालय पूर्ण नही होने से ग्रामीणों में आक्रोश
  • बिना पानी सफ्लाई व गड्ढा के ही दे दिया गया शौचालय का अंतिम रूप

विंढमगंज थाना क्षेत्र के फुलवार में निर्मित सामुदायिक शौचालय लगभग साढ़े छह लाख रुपये की लागत से बना वर्ष 2020-2021का शौचालय अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है ।भारत सरकार का स्वच्छ भारत का सपना बिचौलियों के भेंट चढ़ गया है।आखिर जिम्मेदार कौन?समझ से परे है।दिवारो पर बड़ी संख्या में दरारें पड़ गयी है।

 

बाहर से दीवारों को आनन फानन में रंग रोशन कर दिया गया है। पूर्ण हो जाने का रूप बना दिया गया हैं लेकिन अन्दर न जमीन बनी है, न ही पूर्ण रूप से टाइल्स लगा है।रोशन दान का भी बुरा हाल है।दरवाजे को चींटी खा रहा है और शौचालय में तो पानी का तो नामो निशान नही हैं।वही गड्ढा की दुर्दशा तो पूछना ही नही हैं। दीवार के बाहर तो देखने पर ऐसा लगता हैं कि वाह क्या शौचालय बना है लेकिन अंदर कदम रखते ही पांव तले से जमीन खिसक जाएगी कि यहां पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया जाता हैं। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि अभी इसका गड्ढा नहीं बनाया गया है।इसमे चार -चार कमरे पुरूष महिलाओं के लिए बनाया गया है।जिसमें एक दो में प्याला लगा है जमीन भी नहीं बनी हुई है, लोगो ने कहा कि जब ग्राम पंचायत अधिकारी से इस संदर्भ में बात की जाती हैं तो उनके द्वारा कहा जाता हैं कि “अभी अधूरा रह गया है और आप लोगो से मतलब नहीं है।अधूरा काम हम लोग पूरा कर देंगे” लेकिन कब करेंगे ये नही बताते वही एडीओ पंचायत से बात करने की कोशिश की गई परंतु फोन नहीं उठा।

 

ग्राम वासियों ने बताया कि हम लोग इस शौचालय निर्माण में काम किये है लेकिन सभी तक मजदुरी का भुगतान नहीं किया गया है जिससे हम सभी मजदूर काफी परेशान है और भुखमरी के कगार पर हैं।

नन्दू,अक्षय,रविन्द्र,घुरबिगन,राजेन्द्र,संजय,शिव आदि ने बताया कि शुलभ शौचालय निर्माण कार्य को लेकर कई बार सम्बन्धित अधिकारी का ध्यान आकर्षित किया गया।परंतु  ‘ढाक के तीन पात’ वाली कहावत चरितार्थ हुई।ग्राम पंचायत अधिकारी मनमानी करतें हैं कुछ पूछिए तो पल्ला झाड़ लेते हैं । आखिर जिम्मेदार कौन है?ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कर शौचालय निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने व मजदूरी भुगतान करने की मांग किया है।

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