बभनी सरकारी अस्पताल के हालात दुर्भाग्यपूर्ण, आखिर कैसे होगा मरीजो का इलाज?

- देश मे फैले व्यापक,कोरोना काल में भी साफ-सफाई का टोटा।
- अस्पताल में मरीजो के लिए न ही बिजली की सुविधा और न ही पीने को मिल रहा पानी,साफ सफाई के नाम पर नदारद है अस्पताल।
बभनी – सोनभद्र -: उमेश कुमार- सोन प्रभात
बभनी । सोनभद्र जिले में जिस प्रकार से विगत दिनों पहले लोग सबसे बड़े महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहे थे, इसी दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां सोनभद्र जिले के बभनी विकासखंड अंतर्गत संचालित सरकारी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भी बिजली पानी समेत स्वास्थ्य केंद्र परिसर में साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से फेल है, जबकि सरकार के गाइड लाइंस के द्वारा कोरोनावायरस के प्रकोप में सबसे ज्यादा फोकस स्थानीय अस्पतालों पर दिया गया था, बावजूद बभनी में जिस तरह से कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे थे ऐसे में पूरा सिस्टम और लोगो को अस्पतालों में सुबिधा उपलब्ध कराने हेतु लगा दिया गया था। ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो और लोगों की जिंदगी बचाया जा सके । लेकिन बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल ऐसा है कि क्षेत्र के लोग अस्पताल ले बजाय घर पर या बाहर इलाज कराने में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
गरीब लोग या मजबूर लोग ही बभनी स्वास्थ्य केंद्र जाते हैं। वर्षों से संचालित हो रहे बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आज भी दुर्वयवस्था का अम्बार लगा हुआ है। यहां न सही ढंग से बिजली, पानी व शौचालय की व्यवस्था है बल्कि कोरोना काल में भी साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं को लेकर कई बार विरोध कर चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पर कोई फर्क नहीं पड़ता। एक तो अस्पतालमें बदहाली के साथ स्टाफ की कमी का टोटा हमेशा लगा रहता है। ऊपर से सुविधाओं के अभाव में लोग कटने भी लगे हैं । मुख्यालय से लगभग 110 किमी0 दूर छत्तीसगढ़ बार्डर पर स्थित बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सरकार यही सोच कर स्थापित किया था कि क्षेत्र के गरीब आदिवासी लोगों का आसानी से इलाज हो जाएगा लेकिन यह अस्पताल महज शो पीस बनकर रह गया । यही कारण है कि क्षेत्र में तेजी से झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ोत्तरी हुई है।
इन दिनों सरकारी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया गया है। जहां टीकाकरण कराया जा रहा है। लेकिन दुर्व्यवस्थाओं के कारण लोग मजबूरी में यहाँ जा रहे हैं। गुरुवार को टीकाकरण कराने पहुंचे कई लोग गन्दगी व दुर्व्यवस्था को देखकर भड़क गए । जिनका आरोप है कि शौचालय के पास टीकाकरण कराया जा रहा है जबकि शौचालय में इतनी गंदगी है कि लोग अस्पताल तक न आएं। इस दौरान ग्रामीण राजाराम, कतवारू, दिनेश विश्वकर्मा आदि ग्रामीणों का आरोप लगाया कि वैक्सीनेशन कक्ष में कोई डाक्टर नही रहता है जहा जाने के बाद घण्टों तक खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है ।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए अस्पताल में सुविधा देने समेत जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करते हुए दुर्व्यवस्थाओं को खत्म करने की मांग की है ।