पशु तस्करी अपने चरम सीमा पर कोई रोक टोक नहीं:प्रशासन खामोश
वेदव्यास सिंह मौर्य -सोनभद्र(सोनप्रभात)
दाल में काला नहीं,पूरी दाल ही काली है, पशु तस्करी धड़ल्ले से पशु तस्करी का धंधा इन दिनों धड़ल्ले से चल रहा है न कोई रोक नहीं कोई टोक। पशु तस्करी के पीछे लुकाछिपी का खेल चलता था लेकिन अब तो खुलेआम हो रहा है। अभी पिछले महीने पन्नूगंज पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों को पकड़ कर एक मिशाल कायम किया था। काफी हदतक रोक भी लगी हुई थी लेकिन अब पन्नूगंज का रास्ता छोड़कर तस्कर अन्य रास्ते से रायपुर में प्रवेश कर रहे हैं। चूंकि रायपुर थाना क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित क्षेत्र है यहां कोई रोक टोक करने वाला नहीं है। अभी एक सप्ताह से एक साथ आधा दर्जन से अधिक गाड़ियां बिहार जा रही हैं।आज भी सात पीकप पशु लेकर गयी है।पीकप तो जाती हैं लेकिन डीसीएम तथा ट्रक में भी पशु जा रहे हैं। जहां से पशु गाड़ियों में भरे जाते हैं वहीं से सीधे रायपुर थाना क्षेत्र में लोकेशन मिलता है और यहां की सारी गतिविधियां उन लोगों तक देने वाला भी पुलिस का काफी नजदीकी ही है।जो सारी डिलींग करता है। इस समय सभी चोर रास्ते बंद हैं मुख्य मार्ग से ही गाड़ियां बिहार जाती हैं। जबकि बार्डर पर भी पुलिस चौकी है वहां पीएसी भी तैनात है सीसी कैमरा भी लगा हुआ था लेकिन किन परिस्थितियों में कैमरा हटाया गया समझ से परे है। पशुओं से भरी गाड़ियां किसके इशारे पर बेधड़क तूफान की तरह एक साथ आधा दर्जन से अधिक बिहार में प्रवेश कर जाती हैं। रायपुर,सुअरसोत पुलिस क्यों नहीं रोकती। इसके पीछे क्या कारण है।लोग कयास लगा रहे हैं कि दाल में कुछ काला है लेकिन यहां तो पूरी दाल ही काली है।