gtag('config', 'UA-178504858-1'); यूपी छत्तीसगढ़ सीमा पर सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का रेला ,आसनडीह में पासर व दलाल हर रोज मना रहे बालू महोत्सव। - सोन प्रभात लाइव
प्रकृति एवं संरक्षण

यूपी छत्तीसगढ़ सीमा पर सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का रेला ,आसनडीह में पासर व दलाल हर रोज मना रहे बालू महोत्सव।

  • खनन विभाग व प्रशासन की ओर से खनन व्यवसाईयों को दी जा रही हरी झंडी।

बभनी – सोनभद्र – उमेश कुमार – सोन प्रभात 

बभनी। यूपी छत्तीसगढ़ सीमा पर आसनडीह में हर रोज सैकड़ों ओवरलोड ट्रकें खड़ी होती हैं जहां इनकी गिनती करना भी मुश्किल हो जाता है, पास के ही ढाबों व पेट्रोल पंपों पर भी काफी संख्या में ट्रकें खड़ी रहती हैं ढाबों पर दलालों व पासरों की हर रात रंगीन होती हैं उनके कुछ लोगों को बैठा दिया जाता है जो शराब के नशे में हर वक्त बालू महोत्सव मनाते दिखते हैं, पिपराखांड़ पेट्रोल पंप से लेकर धनवार बार्डर तक लगभग दो सौ से ढाई सौ के बीच ट्रकों की संख्या होती है इतना ही नहीं बल्कि आसपास के ढाबों व पेट्रोल पंपों पर भी सैकड़ों ट्रकें खड़ी मिलेंगी बालू से लदे ओवरलोड ट्रकों का लंबा रेला लगा होता है ,जिसे देख लोग हर रोज सड़कों पर पैदल चलने से डरने लगे हैं हमेशा दुर्घटनाओं की आशंकाएं बनी होती हैं ,

रेनुकुट अंबिकापुर मार्ग गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है जहां रात के समय में छोटी गाड़ियों को लेकर लोग भयभीत होकर चलते हैं रात-दिन ओवरलोड ट्रकों के संचालन से राजस्व का भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है, नवंबर माह जो सुरक्षा महीने को लेकर थाने के पास वाहन चेकिंग लगाई जाती है किन्तु ओवरलोड होते हुए भी पुलिस के द्वारा बाकी बड़ी गाड़ियों को किनारे लगवाकर निकलवा दिया जाता है कुछ वाहन चालकों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि बालू लदे ट्रकों के कोई पेपर भी नहीं होते परमिट न होते हुए भी ट्रकों का संचालन धड़ल्ले से किया जाता है, रात के समय आठ बजे कोड जनरेट होने के बाद आईएसटीपी के लोग परमिट दिलाते हैं जगह-जगह पासरों की गाड़ियां भी लगी होती हैं छत्तीसगढ़ के चौपता घाट से होकर आने वाली ट्रकें शीशटोला महुअरिया संपर्क मार्ग से निकलवा दी जाती थी, किन्तु स्थानीय लोगों के विरोध जताने पर मार्ग बंद कर वाड्रफनगर से होकर मंगाई जाती हैं दलालों के द्वारा जगह-जगह हो रही वसूली के कारण वाहन चालक आहत हैं जिस बात को लेकर खनन विभाग व प्रशासन के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं।जब मामले को लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा उच्चाधिकारियों को शिकायतें की जाती हैं तब एक दो ट्रकों को रोककर खानापूर्ति कर चले जाते हैं नौकरशाह इतने इतने बेलगाम हो गए हैं कि महज चंद रुपयों के लिए ईमान बेंचकर सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हैं यदि ईमानदारी से काम करें तो उत्तर प्रदेश सरकार को करोड़ों का फायदा होता जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में इजाफा होता जब किसी संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया जाता है तो बातें एक-दूसरे पर टाल-मटोल जवाब दिया जाता है और जब भी इन विभागों के सामने गाड़ियां गुजरती हैं तब दलालों की गाड़ियां मैनेज करने पहुंच जाती हैं और ईशारों पर ही पार हो जाती हैं और क्षेत्र में लोगों की अच्छी खासी नाराजगी देखने को मिल रही है,

जब भी लोगों के द्वारा विरोध किया जाता है तब रेत माफियाओं के द्वारा लोगों को तरह-तरह की धमकियां दी जाती हैं जिनके दहशत से क्षेत्र की भोली-भाली जनता डर जाती है। अगर इस मामले पर नकेल नहीं कसा गया तो जगह-जगह पर सड़कें उखड़ जाएंगी और हर रोज सड़कों पर व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन होते रहेंगे। बताते चलें कि छत्तीसगढ़ घाटों से हजारों की संख्या में गाड़ियां दलालों के माध्यम से गुजरती रहती हैं बालू की बड़ी-बड़ी खेप जगह-जगह पर पहुंच रही है वहीं बालू माफियाओं का कहना है कि हमारे काम में हर जगह सेटिंग है यहां तक कि छत्तीसगढ़ सीएम हाऊस तक सेटिंग है।

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