gtag('config', 'UA-178504858-1'); श्री राम कथा प्रसंग - गुरुकुल शिक्षा, सनातन संस्कृति, सोलह संस्कारों आदि की उपेक्षा के कारण संयुक्त परिवार टूट रहे - पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी - सोन प्रभात लाइव
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श्री राम कथा प्रसंग – गुरुकुल शिक्षा, सनातन संस्कृति, सोलह संस्कारों आदि की उपेक्षा के कारण संयुक्त परिवार टूट रहे – पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी

  • 👉अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कन्या भ्रूण हत्या, दहेज,घरेलू हिंसा पर कुठाराघात महाराज ने किया
  • 👉अश्रुपूरित नेत्रों से माता सीता के विदाई गीत – ” बेटी ससुरे मे रहिया तू चाँद बनकें, सबके आंखों के पुतलियाँ के प्राण बनकें ” पर रोने पर मजबूर किया
  • 👉परशुराम जी के द्वारा एक वरदान प्रभु राम से मांगा गया- ” तेरी कृपा बनी रहे जब तक यह जिंदगानी रहें “

 

दुद्धी – सोनभद्र– जितेन्द्र चन्द्रवंशी⁄ आशीष गुप्ता– सोनप्रभात

दुद्धी जनपद सोनभद्र शिव की नगरी ग्राम पंचायत मल्देवा में श्री राम कथा के अन्तिम दिवस में  माता जानकी, जनक नंदिनी, व माता सीता के विदाई के भावुक पल को पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी के मुख मंडल से सुना गया।

 

भावुक अमृत रसधार से सराबोर अश्रुपूरित नेत्रों से ग्रामवासी नगरवासी के साथ-साथ व्यास पीठ पर मौजूद महाराज संग वाद्य यंत्र कें जब कलाकार भावाविभोर होकर माता सीता के विदाई के पल को महसूस आत्मिक पल के साथ ऐसे कर रहे थे, मानो अपनी लाडली पुत्री का विदाई हो रहा हो और कलेजा बैठा जा रहा हों, मर्मस्पर्शी, सनातन समावेशी, नारी सशक्तिकरण की पौराणिक सभ्यता संस्कृति का गौरवान्वित एहसास कराती मन को मानो अधीर कर रखा हो।

माता सीता के विदाई में राजा जनक और पत्नी दोनों अपने को संभाल नहीं पा रहे थे। तब स्वयं सीता ने कहां मैं गुड़िया तेरे आंगन की, साथ नहीं जीवन की, बेटी पराया धन होती है चाहे वह धनवान हो या निर्धन की ” राजा दशरथ ने कहां परिवार टूटने का कारण कभी बेटी मत बनना, मात पिता गुरु पति सब का मान ससुराल में रखना आदि भावाविभोर मार्मिक पल से अंतिम कथा से बिछूड़न का रुंधे गले से – मल्लदेवा गांव वालों सदा खुश रहना, गलती हो गईं हों तो माफ करना, हम ब्रजवासी घर जा रहे हैं, याद तुम्हारी घर आएगी, बड़ा ही हमको तड़पाएगी, हांथ जोड़ कर बस इतना ही कहना, दुःख -दरिद्रो के दुःख को समझो, कसम तुम्हारी हम खा रहे हैं आत्मा की बात तुमको बतला रहे हैं, दिल के चिराग जलाए रह जाएंगे, आदि अंतरंग की भावों को सभी से जोड़ भावुक पल कर दिया।

महिलाओं के द्वारा सिंदूर और बिंदी आदि परंपरागत पहनाओं से दूर होकर, भौतिक बिंदी पेंसिल सिंदूर आधुनिक श्रृंगार पर भी कटाक्ष किया, साथ ही कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि द्वारा महिलाओं का शोषण पुरुषों द्वारा किए जाने पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कुठाराघात कर महिलाओं के महत्व के साथ ही साथ पिता- पुत्री कें सजीव प्रेम का मार्मिक हर पल को साझा किया।

तत्पश्चात वृंदावन धाम से पधारे राधा कृष्ण की झांकी को जब ब्रज कें फूलों की होली के साथ पूरे पंडाल में घूम कर जब नृत्य किया तो मानो ऐसा महसूस हो रहा था राधा कृष्ण ब्रज में फूलों की होली खेल रहे हो।

इस पावन अवसर पर आयोजक मंडल डॉक्टर हर्षवर्धन, धर्म जायसवाल, निरंजन कुमार जायसवाल, प्रधान रामफल यादव, शैलेश जयसवाल, प्रभाकर प्रजापति, मनीष कुमार जायसवाल, शांति प्रकाश जयसवाल, राजेश्वर प्रसाद उर्फ राजू, आलोक कुमार जयसवाल, सोनू कुमार जयसवाल ने व्यासपीठ के महाराज संग सभी वाद्य यंत्र कें कलाकारों का अंगवस्त्रम देकर सम्मान किया गया।

मीडिया से जुड़े अमर उजाला संवाददाता प्रमोद कुमार, सोनू प्रभात न्यूज़ संवाददाता जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी सभी आयोजक मंडल द्वारा सम्मान शानदार समाचार संकलन को लेकर अंगवस्त्रम देकर आयोजक मंडल द्वारा सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक प्रांत प्रचारक श्रीमान नितिन जी राजन चौधरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज उर्फ बबलू सिंह, जिला मंत्री दिलीप पांडेय, अग्रहरी साउंड पंकज कुमार, टेंट संयोजक, भोजन व्यवस्थापक, प्रसाद वितरण करता, सहित सुधी श्रोताओं भोला आरती, कामता प्रसाद जयसवाल, आदि दर्जनों लोगों का अंगवस्त्रम देकर सम्मानित ह्रदय की गहराइयों से किया गया, भावुक मन से अंतिम संचालन भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज कुमार मिश्र द्वारा किया गया।

डॉक्टर जयवर्धन प्रजापति द्वारा बैग उपहार स्वरूप महाराज जी को भेंट किया गया, डॉक्टर लवकुश प्रजापति द्वारा आभार उद्बोधन वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ कर ग्राम वासी नगर वासी दुद्धी वासी समस्त आयोजन मंडल, मीडिया, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक जिला प्रचारक अन्य समस्त लोगों का हृदय से आभार जताया और महाराज पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज जी के कथा के मुक्त कंठ से प्रशंसा की l

जय श्री राम, राधे राधे के नारों से आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया, अंत में आरती के साथ प्रसाद का वितरण कर कथा का विसर्जन अंतर्मन से किया गया, आज यज्ञ हवन और महाभंडारे का प्रसाद वितरण किया गया l

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