सरकार लाख दावे करे ,एक तरफ रोग का कहर दुसरी तरफ डाक्टरों का कहर ,लेकिन अधिकारियों ने कसम खा रखी है कि हम नहीं सुधरेंगे।
सोनभद्र – सोन प्रभात / वेदव्यास सिंह मौर्य
पूरा उत्तर प्रदेश मलेरिया एवं डेंगू वायरस के चपेट में है। सरकार ने आदेश दिया है कि हर हाल में सभी डाक्टर फार्मासिस्ट एवं अन्य स्टाफ निर्धारित समय पर पहुंचकर समुचित इलाज करें। लेकिन सोनभद्र जिले में रावर्ट्सगंज जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार सुबह पौने दस बजे तक एक भी डाक्टर नहीं पहुंचे थे। मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही थी। एक मरीज ने जिलाधिकारी को फोन किया कि अस्पताल में अब तक कोई डाक्टर नहीं है फिर भी पौने दस बजे तक एक भी डाक्टर नहीं पहुंचे। सभी डॉक्टर्स के रुम में ताला लटक रहा था या बाहर से सिटकनी लगी हुई थी। मुख्य चिकित्साधिकारी के आफिस में बाहर से सिटकनी लगी हुई थी जब कोई स्टाफ आता था अन्दर जाकर हाजिरी लगाकर बाहर निकल कर कमरा बंद कर देता था।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा के कुमार से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों की ब्यवस्था तो भगवान भरोसे है।जब पिछले साल लाक डाउन लगा था तबसे डाक्टर कहां रहते हैं पता ही नहीं चलता। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खलियारी में तो विगत वर्ष से कोई डाक्टर ही नहीं है नहीं फार्मासिस्ट है। यहां के लैब टेक्नीशियन व अन्य स्टाफ अन्यत्र अटैच हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खलियारी में लगभग ४० किलोमीटर दूर से लोग आते हैं दिनभर इंतजार करने के बाद झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद घर चले जाते हैं।इस अस्पताल का संचालन एक सी एच ओ के द्वारा किया जाता है।सी एच ओ के द्वारा क्या इलाज किया जाएगा पाठक गण अंदाजा लगा सकते हैं। वह भी सप्ताह में दो से तीन दिन ही आती है।सरकार चाहे कुछ भी कहे कुछ भी करे लेकिन अधिकारियों ने न सुधरने की कसमें खा लिया है।