gtag('config', 'UA-178504858-1'); संपादकीय लेख:- "प्रधानमंत्री ने ऐसे ही नहीं कहा कि यह युद्ध महाभारत से भी बड़ा है।" - सोन प्रभात लाइव
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संपादकीय लेख:- “प्रधानमंत्री ने ऐसे ही नहीं कहा कि यह युद्ध महाभारत से भी बड़ा है।”

संपादकीय – सोन प्रभात आशीष गुप्ता-लिलासी/ सोनभद्र- सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”, विन्ध्यनगर  – सिंगरौली

‘वीर भोग्या वसुंधरा, अर्थात जो बहादुर होते है वही जीवन का सही आनन्द ले सकते है , मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ मानव ही शक्तिशाली होता है, कमजोर लोग धीरे धीरे अस्तित्व विहीन हो जाते हैं।
हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ऐसे ही नहीं कहा कि यह युद्ध महाभारत से भी बड़ा है, वह 18 दिन का युद्ध था और यह असीमित समय का। महाभारत में लाखों सैनिक युद्ध लड़ रहे थे और इसमें करोड़ों। यह युद्ध विश्व युद्ध से भी बड़ा और खतरनाक है ; यह युद्व विदेशी ताकतों ने हमारे ऊपर थोपा है,और टकटकी लगाकर सारा विश्व हमें देख रहा है कि यह पढ़े लिखे अनपढ़ , अंधविश्वासी, निर्धन, विभिन्न भाषा-भाषी, विभिन्न धर्मों के लोग कैसे इस युद्ध का सामना करेंगें?यह चुनौती है,हम भारत वसियों के लिए। शायद उन्हें यह नही पता कि जिस बीमारी से विश्व डरा हुआ है उसे हम मजाक में लेते है , क्यूँकि उन्हें नही पता कि संकट के समय हिंदुस्तान का एक एक बच्चा सिपाही बन जाता है। हमें बचपन से ही डरना नही सिखाया जाता है, हर देश भक्त युद्ध के समय सड़क पर आ जाता है, तो इस थोपे हुए युद्ध को लड़ने के लिए घर के अंदर बन्द होकर भी इस युद्ध को लड़ने में सक्षम है ,और हम विश्व को दिखा देंगें हम सभी तरह की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। विश्व इस बात को समझ ले हम देश भक्त लोग है 21 दिन तो क्या जरूरत पड़ी तो अनंत काल तक भूखे प्यासे रहकर एकजुटता से इस बीमारी को परास्त करने की ताकत रखते हैं। हर भारत वासी इस बात को जानता है , एक व्यक्ति की जरा सी लापरवाही लाख और लाख लोग करोड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। हम भारत को तो बचाएंगे ही और विश्व भर को दिखा देंगें कि हम सभी एकजुट व देश प्रेमी है और संकट से सामना करना हमें आता है।

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