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Adipurush Full Movie Review: रामायण के पात्रों, घटनाओं को लिया लेकिन इनकी खुद की रची महापुराण है आदिपुरुष।

Story Highlights

  • नाम बदलकर, ऐतिहासिक पात्रों को मॉडर्न लुक देकर कैसा आदिपुरुष बना दिया ये, बवाल बढ़ेगा थमेगा नही, बैन करने की मांग उठ रही है।
  • हिंदू धार्मिक महाग्रंथ से चोरी कर कुछ घटनाओं में समानता और कुछ घटनाओं में विषमता क्यों ?
  • मनोज मुंतशिर ने कहा डायलॉग बदले जाएंगे। लेकिन समस्या फिल्म में दिखाए गए दृश्यों और तथ्य से भटक कर कहानी को तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत करने से भी है, इसे कैसे सुधारेंगे ?

Adipurush Full Movie Review By – Ashish Kumar Gupta / Sonprabhat

बच्चो को आप अगर आदिपुरुष फिल्म दिखाते हैं और भविष्य में प्रतियोगी परीक्षा न सही, के बी सी या अन्य जगह पर बच्चे से पूछा जाए इंद्रजीत के नागपाश से मूर्छित हुए राघव के छोटे भाई को संजीवनी बूटी के बारे में कौन बताता है ? तो आपका बच्चा उत्तर देगा विभीषण की पत्नी। सही उत्तर क्या होगा ? आपको जरूर पता होगा।

फिल्म के कई दृश्य, डायलॉग विवादित

दो चार दृश्य हो तो उनकी कमियों पर गहनता से बात की जाए। आदिपुरुष फिल्म आरंभ से अंत तक गलतियों का इमारत खड़ा किया हुआ है, रामायण के परिभाषित तथ्यों को अपने अनुसार बदल के दिखाना हो या फिर बेहूदे डायलॉग जो की हिंदू धर्म में पूजनीय हनुमान जी के मुख से बुलवाना, सुग्रीव और बालि को गौरिल्ला बना देना, इंद्रजीत के शरीर में टैटू, रावण का सीता हरण दृश्य, पात्रों का भेष भूषा, विभीषण की पत्नी को हॉट लुक दिखाने की कोशिश, जानकी के पहनावे में भी कुछ ऐसा ही, राघव और जानकी का रोमांस दिखाने की कोशिश, रामायण की कहानी ही बदल देना , शबरी का राम के पास जाना। आपने सुना होगा शबरी के आश्रम राम गए थे लेकिन आदिपुरुष फिल्म में पूरी रामायण की कहानी को ही नरक बना दिया है फिल्म मेकर्स ने।

फिल्म का विरोध तेज, बैन करने की मांग उठ रही

आदिपुरुष फिल्म की रिव्यू हजारों लाखों लोग कर रहे हैं लेकिन फिल्म के बारे में कोई भी एक अच्छी बात नहीं बता पा रहा है, क्योंकि फिल्म में कुछ भी ठीक है नही लोग इस फिल्म को देखकर लेखक और निर्देशक के कामों पर हसने और गाली देने पर मजबूर हो जाएंगे। भारत जैसे देश में जहां रामचरित मानस ग्रंथ की पूजा के साथ उसके एक एक घटनाओं को सत्य से जोड़कर देखा जाता है, देशभर में विभिन्न भाषाओं में रामलीला, राम कथा आयोजित होते रहते हैं, राम मंदिर अयोध्या , राम सेतु जैसे तथ्यों को कितना बड़ा धार्मिक भावना से जोड़ा जाता है। अदिपुरुष मूवी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली ही मूवी है। हालांकि मूवी के डिस्क्लेमर में बताया गया है, कि रामायण से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक हैं, लेकिन इसका मतलब डिस्क्लेमर दे के आप पहले से जो आस्था का विषय रहा है उससे छेड़ छाड़ कर दें। आदिपुरुष फिल्म के कास्टिंग भी ठीक, फिल्म का प्रेरणा टॉपिक भी ठीक फिर रामायण की कहानी बदल कर आप नया क्या बताना चाहते हो, पैसे कमाने के लिए बॉलीवुड फिल्म मेकर्स इतिहास के साथ खिलवाड़ करने के आदि होते जा रहे हैं।

हनुमान जी टपोरी भाषा नही बोल सकते, संस्कृति से मजाक बड़े परदे पर

पहला सीन रावण का वरदान मिलने का संवाद और अंतिम सीन ही विवादित है, जिसमे रावण के तुरंत युद्ध स्थल में मृत्यु के बाद राघव और जानकी का गले लगना, जानकी को जंजीरों में जकड़े हुए अवस्था में युद्धभूमि में दिखाना मूवी को गर्त में ले जाता है। मेकर्स ने बहुत जगहों पर दृश्य रामायण के अनुसार कहानी के अनुसार ही दिखा रहे हैं लेकिन डायलॉग अपने चेप दिए, मतलब वक्त बदल दिए जज्बात बदल दिए। ब्रह्मा जी को एक साधारण मानव का भेष दिया और वरदान वो जो हिरनकश्यप को दिया था वही रावण को मिला। सुर्पनखा की नाक तीर चलाकर काटना, रावण अजगर से मसाज करा रहा है, रावण संजय दत्त की तरह चल रहा है। किसी भी पात्र को मुकुट नही दिया गया है, प्रत्येक दृश्य विवादो के घेरे में है। सोने की लंका काली दिखाई दे रही है, इंद्रजीत धनुर्धर नही है जैसी सैकड़ों गलतियां मूवी में हैं। रावण का राजमहल नही है, दिखाया ही नही गया कभी मंत्रियों के साथ। संजीवनी बूटी का पता विभीषण की पत्नी बताती है, जो कि राम के शिविर में ही रहती है।

अच्छा बस यही है आदिपुरुष फिल्म में, जो सही था।

रावण का शिव स्तुति का दृश्य अच्छा बनाया गया है, राम का समुद्र पर क्रोध का दृश्य परंतु समुद्र का समाधान बताना भी विवादो में नल नील का उल्लेख ही नही,  दृश्यों को तथ्य परक बनाया होता तो ये विरोध आदिपुरुष फिल्म को नही मिलती एक बार डायलॉग भी सुन लें लेकिन कहानी को ही बदल के दिखाना लोगों को पसंद नही आ रहा है।

 

आदिपुरुष फिल्म में वी एफ एक्स से बड़ा बनाने की कोशिश की गई है, स्क्रीन प्ले, कॉस्ट्यूम, डायलॉग, स्टोरी बेहद खराब है। बैन की मांग और विरोध पर मेकर्स द्वारा कहा जा रहा है, ये रामायण नहीं है उससे प्रेरित एक कहानी है। तो उनसे सिर्फ ये सवाल पूछा जा सकता है कि रामायण के सभी पात्र उसमे क्या कर रहे हैं, रामायण की कहानी को बदल करने का धार्मिक ग्रंथों, धार्मिक देवताओं के चरित्र के साथ छेड़ छाड़ क्यों? बजरंग बली को टपोरी भाषा में बात करते आप कभी स्वीकार नही सकते, रावण भी परम ज्ञानी था मृत्यु के उपरांत लक्ष्मण उनसे ज्ञान लेने जाते हैं इन सब दृश्यों को भी इसी कॉस्ट्यूम इसी कास्टिंग के साथ चाहे जैसे भाषा में दिखा देते लेकिन फिल्म मेकर्स ने पैसा कमाने के लिए मनगढ़ंत बदलाव करके रामायण को मॉडर्न तरीके से प्रस्तुत किया है, जिसका विरोध बैन की मांग स्वाभाविक है।

रिव्यू की दो वीडियो आपको देखनी चाहिए –

क्रेडिट : बाबा रिव्यू

 

क्रेडिट : The Super Notion

 

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