gtag('config', 'UA-178504858-1'); सोनभद्र का एक और गांव जहां आज भी चुआ बनाकर पानी पीने को मजबूर है ग्रामीण। - सोन प्रभात लाइव
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सोनभद्र का एक और गांव जहां आज भी चुआ बनाकर पानी पीने को मजबूर है ग्रामीण।

  • “आदिवासी क्षेत्र में ग्रामीण आज भी नाले का गंदा पानी पीने को है मजबूर।”

डाला – अनिल कुमार अग्रहरी / सोन प्रभात

डाला,सोनभद्र।- उत्तर प्रदेश में विकास के दावों का भले ही दम भरा जा रहा हो, सरकार कई योजनाएं ला रही हो लेकिन जमीनी हकीकत बेहद कड़वी है और इस सूबे के लोग गंदे पानी को चूआ बनाकर साफ करके पानी पीने को मजबूर है।

सोनभद्र जिले के चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटा जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं। यहां के आदिवासी ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिए दिन-रात एक करने वाले यहां के बाशिंदे पानी के लिए भटक रहे हैं. और आखिरकार गांव के पास से गुजरने वाला एक नाला इनकी प्यास बुझा रहा है.जी हाँ हम बात कर रहे हैं चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटा में बसा एक टोला तिलवाड़ी गड़ई जहां लगभग पैतीस घर हैं और वहां की जनसंख्या लगभग सौ से ऊपर हैं जहां आदिवासी ग्रामीण दशकों के ऊपर से इसी गंदे नाले का पानी भरकर अपने घर ले जाते है और फिर जितना साफ हो सके साफ करने के बाद यही पानी पीते चले आ रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि हम लोग इस नाले का पानी पीने मजबूर हैं और गन्दा पानी पीने से तरह तरह की बीमारियों का शिकार भी होते रहते हैं और हम गरीब जो कमाते हैं वह दवा में ही खर्च होता रहता हैं हमलोग अपनी पीड़ा किसको सुनाए न तो प्रधान, बीडीसी और ना ही कोई विधायक मंत्री कोई हमलोगों की सुधि लेनें कोई नही आता हैं। केवल चुनाव के समय आते हैं और जब हमलोगों अपनी समस्या बताते हैं तो उस समय केवल चिकनी चुपड़ी बाते करते हुए वोट लेकर हमें ठगते आए हैं और हमारी पानी की समस्या ज्यो के त्यों खड़ी रहती हैं। आखिर हम आदिवासी गरीब ग्रामीण कहा अपनी फरियाद लेकर जाए जहां हमलोगों की समस्या सुनी जा सके।बतादे कि योगी सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए इस जिले में समाज कल्याण मंत्री भी दिए हैं।

“अभी म्योरपुर ब्लाक के मकरा गांव में लगभग 40 मौत से पार का मामला जिले में चल रहा हैं जहां समाज कल्याण मंत्री संजीव गोड़ मकरा गांव में जाकर निरीक्षण भी किया और उन्होंने कहा कि इस गांव में जो अज्ञात बीमारी के कारण मौते हुई हैं या बीमार हैं उसका सबसे बड़ा कारण हैं दूषित पानी पीना ही बताया है।”

 


अब सवाल यह है कि जिस जिले में मंत्री बैठ रहे हो उस जिले के जनप्रतिनिधि क्यों अपनी आंखें बंद किए हुए हैं यह लोगों के गले नही उतर रही हैं। इस दौरान पिंटू, नंदलाल, मुन्ना प्रसाद, कृष्णावती देवी, अनीता, सुमन, सुनीता, परमेश्वरी, चंदा, बचिया, कविता, फुलवंती, दिना, धनमतिया आदि लोग ने समस्या से अवगत कराया ।

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