इंगित बाल कवि गोष्ठी में नन्हे मुन्ने बच्चो ने बिखेरा जलवा।
- मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा ने किया आयोजन।
विंध्यनगर – सिंगरौली / सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”
जग में चमकना है तो मुश्किलों में चमको। जीवन में खिलना है तो हौसलों से दमको।।
मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा के तत्वावधान में गूगल मीट के आभासी पटल पर इंगित बाल गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा.प्रतिभा त्रिवेदी ने कहा बालपन ही भविष्य के भारत की नींव है । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा.मीना श्रीवास्तव थी। सुमधुर सरस्वती वंदना का गायन और कार्यक्रम का संचालन व्याप्ति उमड़ेकर ने किया। अतिथिगण का स्वागत करते हुए डा. वंदना सेन ने कहा कि अधिक से अधिक बच्चों को इसमें सहभागिता करनी चाहिए।
आभार ज्ञापित करते हुये संगीता गुप्ता ने कहा कि बच्चों का मन निर्मल होता है अतः वे जो भी करते हैं सौ प्रतिशत पूर्णता के साथ करते हैं। बच्चों के इस कार्यक्रम में पूरे भारत से बालकवि जुड़े।यह गोष्ठी प्रत्येक माह चौथे रविवार को आयोजित की जाती है।
आयी दीवाली खुशी मनायेंगे।
मिलजुलकर यह त्यौहार मनायेंगे।।
– पूर्ति सिरोठिया
सर्दी आयी सर्दी आयी।
ठंड पहने वर्दी आयी।।
-अनाया गुप्ता
सच को गया छुपाया क्यों।
हमको झूठ बताया क्यों।।
– आराध्य शर्मा
दीवाली का त्यौहार है आया।
खुशियों की लहर है लाया।।
– श्रुति सिरोठिया
हम बच्चे देश महान के।
गांधी के हिंदुस्तान के।।
– आदित्य शर्मा
एक दिया रखना फौजी घर,जो डटे आज सीमा पर।
एक दिया उनके घर रखना,जो गए प्राण को तजकर।।
सुरेश गुप्त ग्वालियरी जी की रचना प्रियांशी गुप्ता द्वारा
वर्षों तक वन में घूम -घूम।
बड़ा विघ्नों को चूम-चूम।।
– रश्मिरथी से अथर्व शर्मा
जग में चमकना है तो मुश्किलों में चमको।
ज़िन्दगी में खिलना है तो हौसलों से दमको।।
जेड- वंशिका अग्रवाल
अपने मन के राजा हम सब, राम बनें या रावण।
तय करना है चलना किस पथ,कार्य बनें या कारण।।
– दिव्यांश चौहान