न्यायालय के आदेश का ओबरा तहसील अधिकारियों द्वारा अनदेखी।

डाला / सोनभद्र – अनिल कुमार अग्रहरि – सोन प्रभात
डाला सोनभद्र- स्थानीय डाला चौकी क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी ग्राम पंचायत डाला लंगड़ा मोड़ में स्थित सड़क की नापी उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ओबरा एसडीएम के द्वारा क्रशर व्यव्साई व प्लांट मालिकों को नोटिस तामिल कराई गई थी कि याचिका कर्ता के साथ एक बैठक की जाना चाहिए, जिसमें ओबरा एसडीएम कार्यालय में 16 दिसम्बर 2021 को सभी क्रशर व्यव्साई व प्लांट मालिकों ने बैठक में शामिल होकर बताया कि याचिका कर्ता की जमीन भूमिधर नहीं है ।

इनके जमीन की नापी कराकर इनकी जमीन अलग कर दिया जाए और उस क्रम में बैठक में यह तय हुआ कि आगामी 20 दिसम्बर 2021 को लिखित पैमाइश की जायेगी और निश्चित समयानुसार एसडीएम ओबरा के टीम के द्वारा नापी कर दिया गया और साथ ही काश्तकार को बिंदु भी बताई गई जिसके उपरांत काश्तकार ने अपनी जमीन पर खुदाई कर मेड़ा बना दिया दिया। कास्तकार के द्वारा बनाए गए मेड़ा को लेकर शुक्रवार दोपहर में ओबरा उपजिलाधिकारी जैनेन्द्र सिंह सिओ सिटी राजकुमार त्रिपाठी चोपन थाना अध्यक्ष केके सिंह ओबरा तहसीलदार सुनिल कुमार कानूनगो आरिफ क्षेत्रिय लेखपाल ओमप्रकाश चौबे लेखपाल सरजू यादव डाला चौकी इंचार्ज मनोज कुमार ठाकुर मय फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर कास्तकार के द्वारा बनाए गए दाडा मेड़ा को पोपलेन मशीन से खोलवा दिया गया।

मौके पर पहुंची शासन प्रशासन ने कास्तकार सत्यप्रिय अग्रवाल के द्वारा हाई कोर्ट से लाए हुए आदेश को अनदेखी करते हुए बनाए गए मेड़ा को हटवा दिया गया। सवाल यह उठता है कि अगर कास्तकार सत्यप्रिय अग्रवाल के दाडॉ मेड़ा को हटवा दिया गया तो ओबरा तहसील के अधिकारियों ने किसके साथ न्याय किया और किसके साथ अन्याय।

इस संबंध में सत्यप्रित अग्रवाल ने बताया कि यह उच्च न्यायालय के आदेश पर हमारी भूमि की नापी करना तय था जिसमें की मां. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप नापी की गई थी और न्यायालय के आदेश को ओबरा तहसील के अधिकारियों ने सम्मान नहीं किया गया तथा उपस्थित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बनाये गए मेड को जबरदस्ती खुलवा दिया गया।