वैश्य समुदाय के लोगों गुमराह कर की जा रही है राजनीति ! वोट बैंक की राजनीति बंद हो – डॉ० ए०के० गुप्ता(रौनियार)अध्यक्ष

सोनभद्र – सोन प्रभात / आशीष गुप्ता – सोन प्रभात
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा वैश्य समुदाय।
- व्यापारियों के शोषण उत्पीड़न हत्या पर क्यों मौन हो जाते हैं पार्टीया।
- वैश्य समुदाय के बढ़ते जनाधार से घबरा गई है पार्टीया।
सोनभद्र- तथाकथित राजनीतिक पार्टियों के लोगों द्वारा वैश्य समुदाय के लोगों को गुमराह कर अपनी अपनी राजनीति गोटिया सेकनी शुरू कर दी हैं। जबकि चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वैश्य समुदाय, जब चुनाव आता है तभी राजनीति दल के लोगों को वैश्य समुदाय का याद आता है इससे पहले क्यों नहीं आता इन राजनीतिक दल के लोगों को, वैश्य समाज के लोगों के हत्या उत्पीड़न अत्याचार होने पर ये नेता आखिर क्यों मौन हो जाते हैं। इसका जवाब वैश्य समुदाय के लोगों को दें। उक्त बातें ऑल इंडिया रौनियार वैश्य समाज के संस्थापक/अध्यक्ष डॉ ए के गुप्ता ने कही।

ऑल इंडिया रौनियार वैश्य समाज के डॉ ए के गुप्ता ने कहा कि वैश्य समुदाय के लोगों को राजनीतिक दल के द्वारा कितनी प्राथमिकता दी जा रही है या किसी से छिपा हुआ नहीं है, जहां वैश्य समुदाय के संख्या है वहां पर समुदाय के लोगों को टिकट तक नहीं दिया जा रहा है। आज वैश्य समुदाय के व्यापारियों का उत्पीड़न शोषण हत्या हो रहा है, व्यापारियों को दबाया जा रहा है, अगर कोई व्यापारी आवाज उठाता है तो उसको प्रताड़ित किया जाता है यह कहां का न्याय है। जबकि उत्तर प्रदेश में वैश्य समुदाय का वोट प्रतिशत काफी अधिक होने के बावजूद भी वैश्य समुदाय के लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जाती। उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है अब वैश्य समुदाय जाग उठा है, संगठित हो चला है, गांव गांव शहर शहर अभियान चल रहा है अब किसी कि बातों में गुमराह होने वाला नहीं है, जो राजनीति दल वैश्य समुदाय के लोगों की उपेक्षा करेगी वैश्य समुदाय अबकी बार चुनाव में मुंह तोड़ जवाब देगा। व्यापारी व्यापार के लिए जाना जाता है किंतु व्यापार करने के रास्ते को आसान न बनाकर कठिन बना दिये जाने से व्यापारियों आज काफी त्रस्त व परेशान है। व्यापारीवर्ग समाज का एक रीडर होता है उसके बाद भी व्यापारियों की समस्याओं को लेकर नजरअंदाज किया जा रहा है। तथाकथित राजनीति करने वाले व्यापारी नेताओं द्वारा आखिर व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं उठाते न्याय दिलाते ऐसे नेताओं पर समाज के लोगों को संदेह पैदा होता है। आज जब चुनाव आता है तो सभी लोगों को वैश्य व्यापारियों, वैश्य समुदाय का याद आ रहा है। रैलियां की जा रही है व्यापारियों का रहनुमा बना जा रहा है, जो एक चुनावी सोची समझी साजिश है इससे वैश्य समुदाय गुमराह होने वाला नहीं है। आज वैश्य समुदाय व व्यापारीवर्ग समझ चुका है यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि वैश्य समुदाय की उपेक्षा करने वालों को वैश्य समुदाय बड़ा सबक सिखाएगा।