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यह विंध्य क्षेत्र का सांस्कृतिक नवजागरण है : विजय शंकर चतुर्वेदी

  • वैदिक मंत्रों से शाप मुक्त हुई कर्मनाशा।
  • गंगापुत्र निलय उपाध्याय ने कर्मनाशा में डुबकी लगाकर तोड़ा मिथक।

सोनभद्र – सोन प्रभात / राजेश पाठक

सोनभद्र, मकर संक्रांति पर्व पर कर्मनाशा नदी में डुबकी लगाकर इस मिथक को तोड़ा गया कि इस नदी में स्नान से व्यक्ति के सारे कर्म नष्ट हो जाते हैं। नल दमयंती घाट पर निलय उपाध्याय, विजय शंकर चतुर्वेदी व विजय विनीत ने स्नान कर मिथक तोड़ने का कार्य किया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निलय उपाध्याय ने कहा जो नदी जीवनदायिनी है उसे शापित कहा ही नहीं जा सकता । उन्होंने बताया कि किसी भी पुराण में इस मिथक से सम्बंधित कोई भी उल्लेख नहीं है । यह सिर्फ एक मिथक है। यथार्थ नहीं बदलता , समय और भाषा बदलती है। आज हम सब हज़ारों वर्ष की विडंबना को छोड़ कर नए यथार्थ की भूमि पर खड़े हैं। अब इस यज्ञ के बाद कर्मनाशा शापित नहीं रही ।
नदी और पर्यावरण पर कार्य कर रहे वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि लोककथाओं व जनश्रुतियों के आधार पर क्या किसी जलधारा को अभिशप्त किया जा सकता है ? जीवन देने वाली नदी या पंचतत्व की जल प्रतिनिधि को कौन शापित कर सकता है ? क्या कोई तर्क है ? क्या यह विन्ध्य पर्वत की बेटी कर्मनाशा का व्यक्तित्व हनन नही है ? उन्होंने कहा कि यह कार्य विंध्य क्षेत्र का सांस्कृतिक नवजागरण है।


विजय विनीत ने कहा कि सम्पूर्ण विंध्य क्षेत्र के अन्नपूर्णा बनी इस नदी को अभिशप्त कैसे कह जा सकता है। उन्होंने बताया कि नगवा बांध से कर्मनाशा का जल धनरौल बांध में आता है जिससे सिर्फ सोनभद्र ही नहीं मिर्ज़ापुर जिले में भी सिंचाई के काम आता है। चन्दौली जिले में कर्मनाशा पर चन्द्रप्रभा बांध, लतीफ शाह और मूसाखाड़ बांध उस जिले की हरीतिमा का मुख्य आधार है, फिर हम इसको शापित कैसे कह सकते हैं।
सनोज तिवारी ने इस सांस्कृतिक नवजागरण का स्वागत करते हुए कहा कि यह इक्कीसवीं शताब्दी के युवाओं की मानसिक चेतना नकारात्मक मिथकों से परहेज करती है, वह सभी संदर्भों को तथ्य औऱ वैज्ञानिकता पर परीक्षण करती है । जिस नदी से विंध्य का कृषि क्षेत्र लाभान्वित होता हो उसे हम अभिशप्त कैसे कह सकते हैं ?
राजू चौबे ने अंगवस्त्रम से सभी स्नानार्थियों का सम्मान किया और कहा कि कर्मनाशा तट के निवासियों ने इस नदी को कभी अभिशप्त नहीं माना, इस सम्पूर्ण क्षेत्र के उल्लास और विकास का आधार है यह नदी । उन्होंने कहा कि देश के विचारको को यह कार्य पहले करना चाहिए था, इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने इस कार्यक्रम के प्रणेता विजय शंकर चतुर्वेदी को बधाई दी।
पूर्व क्षेत्र प्रमुख प्रवीण सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र का लोकजीवन कर्मनाशा के बगैर अधूरा है।
इस अवसर पर सुमित शाह, श्यामसुंदर पांडेय, विनय पांडेय , बसंत कुमार सिंह , बमबम सिंह, परमा गुप्ता , विरेन्द्र दुबे, रामसूरत गुप्ता, अवधेश पटेल व सुनील सिंह राजेश सोनी, शिव नरायन प्रजापति सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे

Ashish Kumar Gupta

Ashish Kumar Gupta is an Indian news anchor and journalist, who is the managing director and editor-in-chief of Son Prabhat Web News Service Private Limited Sonbhadra India. In the field of journalism, this journalist, who constantly talks about social interest and public welfare with his pen, is establishing a new dimension in the journalism of the district. Email - Editor@sonprabhat.live

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