चक-चपकी के ग्राम प्रधान ने नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिले में हो रही तारीफ।
- कुल 315 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को भी फ्री में डोर टू डोर डिलेवरी सोशल डिस्टेंसिंग सिस्टम से राशन बटवाया।
- पूरे-पूरे जनपद के अस्सी फीसदी रिटेलर तीन से पांच प्रतिशत ब्याज पर लेकर राशन बांट रहे हैं।
- इस संकट में किसी भी सरकारी गोदामों से रिटेलरों को राशन तौल कर नहीं दिया गया।
जितेंद्र चन्द्रवंशी/आशीष गुप्ता
दुद्धी/सोनभद्र- सोनप्रभात
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य श्री वीके मिश्रा ने अपने वाट्सएप नंबर के जरिए प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराते हुए कहा है, कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने घोषणा किया था पूरे-पूरे प्रदेश भर के अंन्तयोदय एवं ऐक्टिव जाब कार्ड धारकों को नि:शुल्क राशन उपलब्ध कराया जाएगा । लेकिन रिटेलरों ने अपने पैसों से वह भी अस्सी फीसदी रिटेलरों ने तीन से पांच फीसदी ब्याज पर कर्ज लेकर अप्रैल माह का राशन उठाया है। जिसको जिलापूर्ति अधिकारी महोदय यह कहते हुए फ्री में बंटवा रहे हैं कि पहले आप सही सलामत राशन बांटिए फिर ग्राम प्रधान, सहित सभी नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करो उसके बाद पूरे-पूरे जनपद का डाटा उत्तर प्रदेश सरकार को उप जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रेषित किया जाएगा उसके बाद तब रिटेलरों का पैसा वापस होगा।
“श्री वीके मिश्रा ने आगे कहा कि हर दुकानदार प्रति उपभोक्ता किलो दो किलो कम राशन दे रहा है… क्योंकि यह सर्व विदित है कि किसी भी सरकारी गोदामों में पूर्व की भांति इस संकट के समय में भी राशन तौलकर निर्धारित वजन से नहीं दिया गया है।”
- जिससे यह सवाल उठता है कि जब दुकानदार सही मात्रा में राशन नहीं पाते तो ऐसे में सही मात्रा में राशन कैसे दे सकते हैं…???
- जब सही मात्रा में राशन नहीं दिया तो पर्यवेक्षकों और तमाम नोडल प्रभारियों की रिपोर्ट कैसे लगेगी…???
- दुकानदारों का पैसा कैसे वापस होगा….????
“इन्ही परिस्थितियों के बावजूद भी बभनी ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत चक-चपकी के ग्राम प्रधान श्री परवेज अख्तर ने एक नया किर्तिमान स्थापित किया है कि उन्होंने अपने गांव के सभी पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को फ्री राशन अपने निजी पैसों से वह भी डोर टू डोर डिलेवरी सोशल डिस्टेंसिंग सिस्टम से उपलब्ध करवा रहे है ।”
- इतना ही नहीं डोर टू डोर डिलेवरी और सोशल डिस्टेंसिग को ध्यान में रखकर पका हुआ भोजन भी उन लोगों तक दोनों टाइम भेजवा रहे हैं जिन्हें आवश्यकता है।
श्री वीके मिश्रा ने जिलापूर्ति अधिकारी राकेश तिवारी जी से उनके सरकारी नंबर पर बात की तो उन्होंने भी माना कि आपके आरोप सौ फीसदी सही है।
उन्होंने कहा कि मैंं और जिलाधिकारी महोदय एस राजलिंगम जी दोनों लोग अभी अभी हाल ही में दो तीन महीनों से इस कोशिश में लगे थे कि सभी सरकारी गोदामों में एक सीसीटीवी कैमरा और पांच टन का इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगाया जाए ताकि रिटेलरों को भी सही मात्रा में राशन मिल सके लेकिन इसी बीच कोरोनावायरस की महामारी आ गई है। ऐसे में हम कुछ कह नहीं सकते कि रिटेलरों का पैसा मिलेगा की नहीं ।
“सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि जिन-जिन रिटेलरों की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई रहेगी और नोडल अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा तो उपजिलाधिकारियों के माध्यम से पैसे दुकानदारों के ब्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, जिलापूर्ति अधिकारी तथा उपजिलाधिकारी महोदय को मेल करते हुए सवाल किया है कि-
- “यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली इस संकट के समय में भी दुरूस्त होगी कि नहीं……?????
- उपभोक्ताओं तथा दुकानदारों को सही वज़न में राशन मिल सकता है अथवा नहीं….?????
- ऐसे में रिटेलरों के पैसे कैसे वापस होंगे….?????
स्थिति चाहे जैसी हो सभी को अपने- अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और देश के प्रति निष्ठा भाव से करना है। जिससे इस संकटकालीन स्थिति से निजात पाया जा सके।
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