भ्रष्टाचार – कास्तकार के अंश की संक्रमणीय भूमि पर कोरगी में हुआ अवैध उत्खनन,मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंचा।

- शासन-प्रशासन, खनन विभाग ,राजस्व विभाग सहित सफेदपोश की भूमिका संदिग्ध।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
दुद्धी सोनभद्र तहसील अंतर्गत चुनाव आचार संहिता से लेकर चले अवैध उत्खनन को लेकर 1/4 अंश के सहखातेदार उमाशंकर सिंह पुत्र स्वर्गीय गुलाब निवासी ग्राम चकडुमरा थाना विंढमगंज जिला सोनभद्र ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ, खनन मंत्री ,जिलाधिकारी सोनभद्र, डीआईजी मिर्जापुर को जरिए पंजीकृत डाक द्वारा आरोप लगाया है कि आराजी नंबर 472 /0.0500 , 473 /0.0600, 474/0.0700, 483 /0.1000 व 518 च / 0.2400 हेक्टेयर स्थित ग्राम कोरगी के उपरोक्त भूमि में बालू मोरंग की उपलब्धता के बाबत उत्खनन के वक्त जब भूमि स्वामी अपनी आराजी पर खनन के बाबत पूर्व ग्राम प्रधान राजकुमार पुत्र रामप्रसाद व जमुना प्रसाद पुत्र बीरन मौके पर उपस्थित राजकुमार पुत्र रामप्रसाद से पूछा तो पता चला कि प्रार्थी के सहमति से इकरार पत्र के आधार पर 3 माह का लीज कराकर खनन परिवहन किया जा रहा है।

जबकि किसी प्रकार का प्रार्थी द्वारा इकरारनामा और दस्तावेज आदि पर कोई सहमति न किया गया था और ना ही प्रपत्र दिया गया था , उन दिनों जब प्रार्थी किसी काम से बाहर गया था उसी वक्त पूर्व प्रधान डुमरा राजकुमार व राजपाल पुत्र भूखी निवासी ग्राम बीडर द्वारा मकान स्वामी की गैरमौजूदगी में पत्नी से आधार कार्ड व फोटो फर्जी तरीके से ले जाकर दस्तावेज उपनिबंधक दुद्धी सोनभद्र के कार्यालय पहुंचा परंतु निबंधक द्वारा उत्खनन के अपूर्ण पेपर होने के कारण मना कर दिया गया।

फर्जी बिना रजिस्ट्रीकराएं / पैमाइश राजस्व निरीक्षक व लेखपाल से कराए सफेदपोश व संबंधि विभागों की मिलीभगत से परमिट के आड़ में कनहर नदी से अवैध रूप से प्रतिदिन दर्जनों बिना नंबर प्लेट लगे गाड़ियों द्वारा राजपाल व राजकुमार द्वारा वन विभाग क्षेत्रीय दरोगा व राजनीतिक सफेदपोश के मिलीभगत से संक्रमणीय भूमि पर जमकर अवैध उत्खनन लाखों-करोड़ों का हुआ जिसके संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय टीके शिबू व पुलिस अधीक्षक, जिला खनन अधिकारी सोनभद्र को दिनांक 14 फरवरी 2022 को शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा गया था l मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में न्याय की गुहार और रॉयल्टी के रूप में राजस्व वसूली की मांग किया है।मुख्यमंत्री को दिनांक 7 अप्रैल 2022 को भेजे पत्र में फर्जी कागज लगाकर काम कराने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने, राजस्व वसूली के रूप में रॉयल्टी जमा कराने की गुहार प्रार्थी नें लगाई है।

